बजटः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की खेती-किसानी के लिए कुछ ख़ास घोषणाएं


प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं, सहकारी समितियों को बढ़ावा देने क लिए भी है सरकार की तैयारी


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बड़ी बात Published On :

भोपाल।  केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि क्षेत्र में भी कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों की गतिविधियों को सक्षम करने, मूल्य श्रृंखला क्षमता में सुधार करने और बाजार का विस्तार करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।

कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं…

  •  20 लाख क्रेडिट कार्ड : केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए कर्ज़ का दायरा बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लाखों किसानों को ज्यादा फायदा होगा।
  • किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर : किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।
  •  एग्री स्टार्टअप:  केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया है। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
  •  मिलेट्स को देंगे बढ़ावा : मोदी सरकार मिलेट्स यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा।
  •  बागवानी के लिए भी बजट: सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है।
  •  मछली पालन को भी मिलेगा बढ़ावा : केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ रु के निवेश का फैसला लिया है। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है।
  •  सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना : सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण करने का फैसला लिया है।  इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।
  • प्राकृतिक खेतीः प्राकृतिक खेती के लिए अगले तीन वर्षों में 10,000 भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र बनाए जाएंगे।
  • प्राकृतिक खेती के लिए सरकार द्वारा मदद: सरकार, अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।



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