इसरो को बड़ी सफलता, निजी सेटेलाइट को लेकर जा रहे रॉकेट का सफल लॉन्च


इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने रॉकेट की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद कहा यह एक ऐतिहासिक मिशन है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के कारण संभव हुआ है।


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बड़ी बात Updated On :

भोपाल। अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सबसे भारी वजन के रॉकेट एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 का मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसरो के मुताबिक इसे ब्रिटेन की निजी उपग्रह संचार कंपनी वन स्पेस के लिए यह मिशन था। जिनके सभी 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निर्धारित निचली कक्षाओं (एलईओ) में स्थापित कर दिया गया गया है। अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारती स्‍पेस एजेंसी की यह बड़ी सफलता है।

इसरो के इस सबसे भारी राकेट ने  ब्रिटिश स्टार्टअप के 36 उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी। इसे शनिवार देर रात 12.07 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से लॉन्च किया गया था। सभी 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निर्धारित निचली कक्षाओं (एलईओ) में स्थापित कर दिया गया है। इन उपग्रहों का कुल भार 5834 किलोग्राम है। इन्हें 601 किमी की निम्नभू कक्षा में 87.1 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित करना था।
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने रॉकेट की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद कहा कि हमने पहले ही दिवाली उत्सव शुरू कर दिया है। 36 में से 16 उपग्रह सफलतापूर्वक सुरक्षित रूप से अलग हो गए हैं, और शेष 20 उपग्रह थोड़ी देर में अलग हो जाएंगे। यह सभी उपग्रह कुछ देर बाद ही सुरक्षित अलग हो गए।

एस. सोमनाथ ने इसके लिए पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक मिशन है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के कारण संभव हुआ है।

इसरो ने ब्रिटेन के  36 ‘वनवेब’ ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया। 43.5 मीटर लंबा और वजनी 644 टन एलवीएम 3 एम2 रॉकेट श्रीहरिकोटा में भारत के रॉकेट पोर्ट के पैड से लॉन्च किया गया।



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