नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने भारत में कोरोना संक्रमण के कारण 47 लाख लोगों की मौत होना बताया है हालांकि यह आंकड़ा केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए 5.2 लाख से काफी अधिक है। WHO के इस दावे पर भारत सरकार ने खासा ऐतराज़ जताया है।
डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को ये भी दावा किया है कि दुनियाभर में कोरोना से साल 2020-2021 में सभी देशों की तरफ से दिए गए आंकडों से 1 करोड़ 49 लाख ज्यादा मौतें हुईं हैं। संगठन का कहना है कि 84% मौतें केवल दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुई हैं।
WHO के आंकड़ों पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने कहा, इस डेटा पर हमें आपत्ति है। WHO के मॉडल, डेटा कलेक्शन, डेटा सोर्स, प्रक्रिया ( मेथोडोलॉजी) पर सवाल हैं। हम चुप नहीं रहेंगे, सभी ऑफिशियल चैनल का हम इस्तेमाल करेंगे और इस डेटा की आपत्ति को हम Executive बोर्ड में रखेंगे।
केंद्रीय अधिकारी ने कहा, 17 राज्यों के आधार पर डेटा जारी तो 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया? हमें लगातार पूछने पर 4 महीने बाद इन राज्यों के नाम बताए गए। कब तक या किस वक्त तक का डेटा WHO ने लिया, जानकारी नहीं दी। नवंबर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने WHO को इस संबंध में 10 चिट्ठियां लिखीं पर जवाब किसी का WHO ने नहीं दिया।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस के भारत दौरे पर इस तरह के डाटा को लेकर सवाल उठाया गया उन्होंने कहा : “हमारी टेक्निकल टीम इसे देख रही है.” मौत के ये आंकड़े राज्यों की वेबसाइट, अखबारों में RTI के हवाले से छपी खबरें और टेलीफोनिक सर्वे के ज़रिए लिया गया है। ऑफिशियल डेटा हमसे क्यों नहीं लिया गया?
इन राज्यों के आधार पर मौत के आंकड़े : महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और यूपी हैं।
WHO की दलील इन राज्यों में भारत की 60% आबादी है। हमने 2020 का डेटा दिया. 2021 का डेटा आने वाला है तो हम देंगे। हमारा डेटा बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से आता है, जो आने वाला है और आते ही हम इसे साझा करते हैं। हमें tier 2 में क्यों रखा गया? जबकि छोटे छोटे देश जहां आंकड़ा सम्मिलित करने का सही मैकेनिज्म नहीं वो tier 1 में कैसे?
सरकार ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का ये डेटा पूरी तरह से वास्तविकता से परे है। उनका डेटा संकलन न तो किसी सांख्यिकी मॉडल और न ही किसी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के बीच भारत में कोरोना से 47 लाख मौतें होने का दावा किया है और इसे दुनिया में मौतों के कुल आंकड़े का एक तिहाई बताया है।
रिपोर्ट में कोरोना से दुनिया भर में 1.5 करोड़ मौतें होने का दावा किया गया है, जबकि आधिकारिक आंकड़ा करीब 60 लाख का है। भारत में इस दौरान आधिकारिक तौर पर करीब 5.2 लाख मौतें दर्ज हुई हैं।
साभारः एनडीटीवी इंडिया