बीते छह सालों में 8.81 लाख लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता


2019 में 1.44 लाख और 2021 में करीब 1.11 लाख लोगों ने छोड़ी है भारतीय नागरिकता, मंत्री ने लोकसभा में दिया जवाब


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बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली। बीते छह सालों में करीब नौ लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी है। यह जानकारी संसद में गृह मंत्रालय की ओर से दिये गए एक जवाब में दी गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि साल 2015 के बाद से कुल 8,81,254 भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है।

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2019 में सबसे अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है।

तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के नेता कोटा प्रभाकर रेड्डी के द्वारा नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों के विषय में यह सवाल पूछा गया था जिसका जवाब क्रेंद्रीय गृह (राज्य) मंत्री नित्यानंद राय ने दिया है।

उन्होंने बताया कि भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए सरकार ने ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की है। संसद में रखे गए आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में कुल 1,31,489 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है और 2016 में ये संख्या 1,41,603 हो गई थी।

इसके बाद साल 2017 में 1,33,049 और 2018 में 1,34,561 लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी। इसके बाद 2019 में यह संख्या बढ़कर 1,44,017 हो गई और 2020 में घटकर 85,242 हुई।

साल 2021 में 30 सितंबर तक अपनी नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की 1,11,287 हो चुकी है।

इससे पहले 30 नवंबर को मोदी सरकार ने संसद को बताया था कि 2017 से सितंबर 2021 के बीच 6 लाख से अधिक भारतीयों ने, दूसरे देश का नागरिक बनने के लिए भारत की नागरिकता छोड़ दी।

भारत में दोहरी नागरिकता प्रणाली नहीं है। ऐसे में किसी भी और देश की नगारिकता चाहने वालों के लिए यहां की नागरिकता छोड़नी ही होती है। वहीं नागरिकता छोड़ने वाले लोग इसके बादओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें भारत में रहने और कारोबार करने में लाभ मिलता है।

 



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