नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तैयार किए गए विशेष क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत की। देश के 26 राज्यों में यह क्रैश कोर्स शुरू किया जा रहा है और इसके लिए करीब 111 ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं।
इन क्रैश कोर्स प्रोग्राम को शुरू करने का मकसद यह है कि मेडिकल क्षेत्र से बाहर के लोगों को भी आवश्यकता पड़ने पर तत्काल नियुक्त किया जा सके। इस प्रोग्राम के लिए 276 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा।
यह प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत आने वाला प्रोग्राम है, जिसे खासतौर पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तैयार किया गया है। इस अवसर पर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
Prime Minister Narendra Modi launches six customized crash course programme for #COVID19 frontline workers under Skill India via video conferencing pic.twitter.com/NozRn6iPKm
— ANI (@ANI) June 18, 2021
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने देखा है कि कोरोना वायरस का बदलना हमारे सामने किस तरह की चुनौतियां ला सकता है। वायरस अभी भी हमारे बीच है। इसके म्यूटेड होने की आशंका भी बनी हुई है इसलिए आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए देश को तैयार करना होगा। इसीलिए आज एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को तैयार करने का महाभियान शुरू हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ रही फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश के एक लाख युवाओं को ट्रेंड करने का निर्णय किया है। यह काम दो-तीन महीने में ही हो जाएगा, इसलिए यह तुरंत ही उनके लिए उपलब्ध हो जाएंगे। देश के टॉप एक्सपर्ट्स ने ये क्रैश कोर्स डिजाइन किया है। आज छह कस्टमाइज कोर्स लॉन्च किए जा रहे हैं। इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंट लाइन फोर्स को नई मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अब स्किल, रीस्किल और अपस्किल यह मंत्र बहुत मददगार होगा। बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी स्किल को वैल्यूएड करना अपस्किल है और इस समय इसी की मांग है। स्किल, रीस्किल और अपस्किल के महत्व को समझते हुए देश में स्किल इंडिया मिशन शुरू किया गया है। पहली बार अलग से कौशल विकास मंत्रालय बनाया गया। केंद्र और ITI खोलना, उनमें लाखों नई सीटें जोड़ना इस पर लगातार काम किया गया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की देश में बहुत चर्चा नहीं हो पाई कि स्किल इंडिया के इस प्रोग्राम ने देश को कितनी बड़ी ताकत दी। जब से कोरोना की चुनौती हमारे सामने आई है, तब से कौशल विकास मंत्रालय ने लोगों को ट्रेंड करने में बहुत महत्वपूर्ण काम किया है। साथियों हमारी जनसंख्या को देखते हुए पैरा मैडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य सेवाओं में बीते कुछ वर्षों में बहुत फोकस तरीके से काम किया गया है।
Launching the ‘Customised Crash Course programme for Covid 19 Frontline workers.’ https://t.co/yDl3F0eLVF
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि नए एम्स और नए नर्सिंग कॉलेज के काम पर बहुत बल दिया गया है। इसी तरह मेडिकल एजुकेशन और रिफॉर्म्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आज जिस गति से हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का काम चल रहा है, वह बहुत अभूतपूर्व है। आशा, ANM और गांव-गांव में तैनात हमारे कर्मचारी, भौगोलिक परिस्थिति कितनी भी विषम हो, ये साथी अपनी सेवाएं देने में जुटे हैं। टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में इन साथियों ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है।
उन्होंने आगे बताया कि कोरोना महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क किया है। आज देश के दूर सुदूर में अस्पतालों तक वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर्स तेज गति से पहुंचाने का काम किया जा रहा है। डेढ़ हजार से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
ट्रेनिंग लेने वाले उम्मीदवारों को होगा यह फायदा –
फ्रंटलाइन वर्कर्स के खास ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत उम्मीदवारों को फ्री ट्रेनिंग के साथ खाने और रहने सुविधा, स्टाइपेंड, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट और सर्टिफाइड उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी दिया जाएगा।
फ्रंटलाइन वर्कर्स की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उम्मीदवार DSC/SSDM की व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों में काम कर सकेंगे।