थोड़ी बारिश भी मुसीबत: नगर पालिका के विकास की पोल खुली, कुछ मिनटों की बारिश ने सड़कें जलमग्न 


धार शहर में हुई आधे घंटे की बारिश ने नगर पालिका के विकास कार्यों की हकीकत उजागर कर दी। मुख्य सड़कों और कॉलोनियों में जलभराव से नागरिकों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ीं। हर साल सफाई और मरम्मत के दावों के बावजूद, बारिश के पानी ने नगर पालिका की लापरवाही को सामने ला दिया है, जिससे सड़कों पर पानी बहने और कॉलोनियों में जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

धार में हुई महज आधे घंटे की बारिश ने नगर पालिका के विकास कार्यों की पोल खोलकर रख दी। शहर की मुख्य सड़कों और कॉलोनियों में पानी भरने से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश से पहले शहर की नालियों और नालों की सफाई का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई है।

 

साफ-सफाई के दावों की हकीकत

नगर पालिका हर साल बारिश से पहले नालों और नालियों की सफाई और मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा करती है, लेकिन वास्तविकता में ये प्रयास धरातल पर दिखाई नहीं देते। एक घंटे की बारिश ने ही पूरे शहर की सड़कें जलमग्न कर दीं, जिससे साफ हो गया कि सफाई का काम कितनी गंभीरता से किया गया है। सड़कों पर बहते पानी ने नगर पालिका के विकास कार्यों की पोल खोल दी है, और इससे पता चलता है कि नालों की सफाई महज खानापूर्ति बनकर रह गई है।

हर साल की तरह फिर वही हालात

धार शहर में हर साल बारिश के दिनों में यही हालात नजर आते हैं। मुख्य मार्गों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो जाता है, और लोगों को मजबूरन एक ही जगह ठहरना पड़ता है। जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते शहर की सड़कों पर पानी बहता रहता है, और नगर पालिका के विकास कार्य केवल कागजों तक सीमित रह जाते हैं।

कॉलोनियों में भी हालात खतरनाक

शहर की नई कॉलोनियों में भी हालात कुछ खास बेहतर नहीं हैं। अवैध रूप से काटी गई कॉलोनियों में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते बारिश के दौरान कई कॉलोनियों में एक से दो फीट तक पानी भर जाता है। आदर्श सड़क, त्रिमूर्ति, कोर्ट रोड, एलआईजी, मायापुरी, श्री कृष्णा कॉलोनी, जानकी नगर, मंडी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जलभराव की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। शहर की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों में सबसे अधिक जलभराव होता है, लेकिन इसके बावजूद भी नगर पालिका द्वारा समय पर नालों की सफाई नहीं की जाती।

 

नगर पालिका और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही उजागर

पिछले दो दिनों की लगातार बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है। नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई, और शहर के अधिकांश नाले अब भी बंद पड़े हैं। डामरीकरण के बाद सड़क के लेवल नहीं मिलने से बड़ी मात्रा में पानी जमा हो गया है, जिससे करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई सड़कें भी एक-दो बरसात नहीं झेल पातीं।

शहरवासियों की मांग है कि नगर पालिका और जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या को गंभीरता से लें और समय पर उचित कदम उठाएं, ताकि बारिश के दौरान होने वाली परेशानियों से बचा जा सके।



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