विश्व आदिवासी दिवस: दुनिया के सबसे पुराने नागरिकों की अस्मिता का दिन


जानिए इस दिन का महत्व, उद्देश्य और इस साल की थीम


DeshGaon
उनकी बात Published On :

भोपाल। दुनिया भर के आदिवासियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत अगस्त 1995 में हुई। इससे पहले साल 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 49/214 प्रस्ताव पारित किया गया। आदिवासी दिवस मनाने के लिए 9 अगस्त का दिन चुना गया। यह दिन इसलिए क्योंकि इसी दिन मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर उप-आयोग की मूल निवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक हुई थी।

इस वर्ष की थीम:

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) ने मंगलवार, 9 अगस्त 2022 को सुबह 9 बजे से 11 बजे (ईएसटी) तक अंतर्राष्ट्रीय दिवस का एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया।

वर्ष 2022 के लिए थीम ‘पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में आदिवासी महिलाओं की भूमिका’ है।

आदिवासी दिवस का महत्व

यह दुनिया के आदिवासी आबादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है और यह आदिवासी हमारी दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य क्योंकि यह आबादी इस धरती पर सबसे पहले से निवास कर रही है।

आदिवासी दिवस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम जान पाते हैं कि हमारे धरती के सबसे पुराने लोग किस तरह अपनी धरोहर, संस्कृति और रीति रिवाजों को हजारों वर्षों से बचाए हुए हैं। उन आदिवासियों के लिए यह दिन अपने इन अधिकारों के अभ्यास की स्वतंत्रता का भी दिन है।

विश्व आदिवासी दिवस का उद्देश्य हमें दुनिया भर के आदिवासियों की भाषा व्याकरण और उनके उच्चारण, बोलने की औपचारिक और अनौपचारिक शैलियों को समझने के लिए प्रेरित करता है। इस तरह हम प्रत्येक जनजाति और उसके इतिहास को समझ सकते हैं।



Related