मानसून की आहट के साथ ही खरीफ फसल की तैयारियों में जुटे किसान

आशीष यादव आशीष यादव
उनकी बात Published On :
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धार। मानसून आगमन के पहले ही किसानों में खरीफ फसल की तैयारी तेज हो गई है। कोई किसान खेतों में रबी फसल के अवशेषों को जलाकर जमीन तैयार कर रहा है तो किसी के खेत में जोताई हो रही है। जमीन की उर्वरकता बढ़ाने के लिए किसान खेतों में गोबर खाद डाल रहे हैं।

मानसून पूर्व खेतों में जुताई के लिए खेत सुधारने का काम शुरू हो गया है। आपको बता दें कि परंपरागत व आधुनिक दोनों तरह से फसल ली जाती है। सुविधा संपन्न किसान ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्रों का जमकर उपयोग करते हैं।

खेतो में मेड़ बनाने व खेत सफाई का कार्य दो सप्ताह पहले से शुरू हो चुका है। कई किसान तो खेत में सुपर खाद भी डालने लगे हैं। सप्ताह भर के भीतर दो बार हुई बारिश से मिट्टी में नमी बना दी है।

किसान राजपाल पंवार का कहना है कि तेज बारिश होने का इंतजार है। खेत तैयार होने के बाद अच्छी बारिश होते ही बोउनी कर देंगे जबकि पिछले साल इस समय तक खरीफ फसल शुरुआत हो चुकी थी।

पिछले दिनों से ही किसानों की टकटकी आसमान की ओर लगी थी। आषाढ़ माह के पहले सप्ताह बारिश नहीं होने से किसान परेशान दिख रहे थे लेकिन अब फ्री मानसून की बारिश होने से किसानों में उत्साह है।

किसानों द्वारा खेतों में अभी खरपतवारनाशक का भी उपयोग किया जा रहा है जिससे बोउनी से पहले खरपतवार नष्ट कर खेत को साफ कर दिया है जिससे सोयाबीन बोने के बाद खेतों में कम खरपतवार उगेगा।

जून के अंतिम व जुलाई के प्रथम सप्ताह में बोउनी लाभकारी –

मानसून 25 जून के बाद ही सक्रिय होता है। किसानों को भी सचेत रहना चाहिए कि जून के अंतिम व जुलाई के प्रथम सप्ताह में बोउनी करना उनके लिए हितकारी होगा।

प्रदेश में लंबे अंतराल के बाद पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही प्रशासन के सामने चुनाव कराना वर्षाकालीन मौसम में बड़ी चुनौती साबित होगा। किसान अपनी खेती के काम में लगेंगे इसलिए किसानों को चुनाव से कोई लेना-देना भी नहीं होगा।

किसान अपनी खेती के काम धंधे में व्यस्त होंगे और वर्षा के आगमन के साथ पलायन पर गए श्रमिकों को मतदान के लिए लाने की कोशिश में प्रशासन व उम्मीदवार लगे हैं। इनकी सूची तैयार की जा रही है।

फ्री-मानसून के बाद –

किसानों ने खेतों में बोवनी की तैयारियां शुरू कर दी है। चार दिन पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश हुई थी। इसके चलते किसानों ने खेतों में बोउनी के लिए उपयोग होने वाले उपकरणों की रिपेयरिंग भी शुरू कर दी है। मौसम के बदलाव को देखते हुए किसान सक्रिय हो गए हैं और मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

किसानों को इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद है क्योंकि इस बार बारिश होने के कारण इस साल कई क्षेत्रों में किसानों की फसलों के उपज अच्छी आई थी मगर दो साल से लॉकडाउन के कारण भाव नहीं मिले।

खेतों को ट्रैक्टर से ठीक किया जा रहा है ताकि बारिश में मिट्टी सही हो जाए। इसके बाद फसल बुआई का काम शुरू किया जाएगा। हालांकि किसान अभी एक-दो बार और तेज बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं।

किसान नहीं करे बोउनी में जल्दबाजी –

किसानों को सोयाबीन की बुवाई में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्हें मुनाफे के बजाय घाटा उठाना पड़ सकता है। विभाग ने चेतावनी देते हुए जिले के किसानों को सुझाव दिया है कि किसानों को कुछ इंतजार करना चाहिए और वर्षा आगमन के बाद पर्याप्त वर्षा होने पर सोयाबीन यानी 3 से 4 इंच से अधिक वर्षा होने पर सोयाबीन की बुवाई का कार्य करना चाहिए।

इसके लिए मध्य जून से जुलाई का पहले सप्ताह सोयाबीन की बुवाई के लिए उपयुक्त है। पर्याप्त बारिश पर ही किसान बोउनी करें और कोई जल्दबाजी ना करें।

हर साल बढ़ रही लागत –

किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर व अन्य आधुनिक मशीनों के आ जाने से मजदूरों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो गई है। खेती करना पहले से सरल जरूर हो गया है, लेकिन लागत भी काफी हद तक बढ़ गई है।

ट्रैक्टर की बहुत उपयोगिता ने परंपरागत खेती के ढर्रे को पीछे छोड़ दिया है। कुछ ही घंटों में काम हो जाता है। यही वजह है कि अनेक लोग इसका उपयोग करने लगे हैं। हर साल डीजल उपकरणों के कारण खेती महंगी होती जा रही है जिससे किसानों के लिए खेती करना महंगा होता जा रहा है।

खेतों की सफाई और जुताई में जुटे किसान –

मानसून के नजदीक आते ही किसानों ने खरीफ फसल के लिए खेतों की सफाई और जुताई शुरू कर दी है। इस सीजन अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। किसानों ने खेतों में जुताई कर खाद आदि डालना शुरू कर दिया है।

किसान बताते हैं कि हम मानसून के साथ जुआ खेलते हैं। मानसून ठीक रहने से खेती अच्छी होती है। शुरू के रोहिणी नक्षत्र में वर्षा नहीं होने से केवल खेत की जुताई ही होती है।

मृगशिरा नक्षत्र में मानसून प्रवेश कर जाता है तो हम सब उत्साहित होते हैं। खेती के लिए पूरा गांव व परिवार के साथ सब लोग जुट जाते हैं।

दिन में गर्मी व उमस, शाम को मौसम ठंडा –

पिछले दिनों हुई बारिश ने मौसम में बदलाव ला दिया है। लगातार तीन दिन से दिन में गर्मी और शाम होते ही बदली के बाद ठंडा मौसम हो जाता है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

किसानों में भी ठंडे मौसम के साथ अब अच्छी बारिश की उम्मीद जाग रही है। मानसून वाली बरसात होती है तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा व किसान अपने काम में लग जाएंगे।

फसल विविधीकरण जरूरी –

सोयाबीन फसल के अलावा मक्का, उड़द, मूंग आदि की उन्नत किस्मों की बोउनी के पहले बीज को अंकुरित कर देख लें अथवा सोयाबीन के बीज को बीज उपचारित कर बोउनी करें।

कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि सोयाबीन की बोउनी के लिए न्यूनतम 90% प्रतिशत अंकुरित के आधार पर उपयुक्त बीज दर का ही उपयोग करें। सोयाबीन की बुवाई करने से पहले किसान सोयाबीन गिर्डिंग कर बीज सफाई कर लें।

कई जगह नहीं मिल रहा खाद –

जवाहर मार्ग बैंक से डीडी नहीं बनने के कारण किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा। किसान कमलकिशोर ने बताया कि खेती के कामों को लेकर डीएपी की आवश्यकता होती है। बैंक कमर्चारियों के कारण कई सोसाइटी में किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है।

किसानों को दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। उसके बाद खाद की उपलब्धता हो रही है। पिछले दिनों तोरनोद सोसाइटी में खाद को लेकर कई किसान खाली हाथ लौटे हैं।

दो दिन हो गए मगर अभी तक खाद सोसाइटी में उपलब्ध नहीं हो पाया है। बैंक से डीडी समय पर नहीं बनने से यह परेशानी आ रही है। मानसून की बारिश सर पर है। अगर समय रहते खाद नहीं आता तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

बारिश अच्छी हो जब ही करे बोउनी –

कृषि विभाग के द्वारा बताया गया है कि 3 से 4 इंच बारिश हो जब ही किसान बोउनी करें। किसान बोउनी में जल्दबाजी ना करें। अच्छे बीज का उपयोग करें व कृषि विभाग की सलाह लें। बीज को पूर्व में अंकुरित करके देख लें व किसान बीज उपचार कर ही बोउनी करें। – ज्ञानसिंह मोहनिया, उपसंचालक कृषि विभाग, धार

तेज बारिश होगी तो करेंगे बोउनी –

मौसम को देखते हुए किसान खेती के लिए पूर्व तैयारियां कर चुके हैं। फ्री मानसून की बारिश ने किसानों को काम से लगा दिया व खेतों को तैयार कर हमने बोउनी लायक बना लिया है। बस अब तेज बारिश होगी तो बोउनी कर देंगे। – वीरेंद्र सिंह पटेल, किसान

तेज बारिश का इंतजार –

फ्री मानसून की बारिश से किसानों को थोड़ी राहत हुई है। किसान अपने काम में लग गए हैं। अब किसानों को तेज बारिश का इंतजार है। अगर तेज बारिश होती है तो उसके बाद ही किसान बोउनी करेंगे। इस बार मौसम विभाग के अनुसार अच्छी बारिश की उम्मीद है। अभी हम खाद बीज व खेतों को सही करने में लगे हुए हैं। – कालूसिंह डोडिया, किसान, अनारद



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