मध्य प्रदेश में लैंगिक समानता और सामाजिक रूढ़िवादिता को लेकर युवाओं की सोच में तेजी से बदलाव आ रहा है। आईआईएम इंदौर की मदद से मप्र पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में प्रदेश के 45,063 युवाओं ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण ने कई अहम मुद्दों पर युवा पीढ़ी की बदलती सोच और सामाजिक दृष्टिकोण का खुलासा किया है, जो प्रदेश के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
लैंगिक समानता और परिवारिक फैसले
सर्वेक्षण में शामिल 72% से अधिक लड़कों ने कहा कि बेटियों पर लगाई जाने वाली पाबंदियों का सामना बेटों को भी करना चाहिए। इसके अलावा, 86% युवाओं ने माना कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने में डर नहीं होना चाहिए। इस विचारधारा से यह स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी लैंगिक समानता के प्रति जागरूक हो रही है और महिलाओं की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के पक्ष में है।
रोजगार और बेरोजगारी पर मतभेद
हालांकि, रोजगार के मुद्दे पर युवाओं की राय बंटी हुई है। सर्वे के अनुसार, 38.3% लड़कों और 32.1% लड़कियों का मानना है कि महिलाओं के रोजगार में वृद्धि से पुरुषों में बेरोजगारी बढ़ रही है। यह विचारधारा इस बात का संकेत देती है कि अभी भी रोजगार के क्षेत्र में लैंगिक प्रतिस्पर्धा को लेकर आशंकाएं मौजूद हैं। यह मुद्दा सामाजिक और आर्थिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है।
आधुनिकता और रूढ़िवादी सोच
फैशन और पहनावे को लेकर भी युवाओं की सोच में बदलाव देखा गया है। 61% युवाओं ने कहा कि आधुनिकता की पहचान केवल पहनावे से नहीं होती, बल्कि यह सोच और विचारधारा पर आधारित होती है। 70.2% लड़कियों और 66.8% लड़कों ने माना कि रूढ़िवादी सोच सामाजिक प्रगति में बाधक है। यह दिखाता है कि युवा पीढ़ी परंपरागत सोच से आगे बढ़कर आधुनिक विचारों को अपनाने की दिशा में अग्रसर है।
शादी और दहेज के प्रति दृष्टिकोण
शादी और दहेज के मुद्दे पर भी युवाओं की राय बदल रही है। 74.3% लड़कों और 79.5% लड़कियों ने दहेज प्रथा को गलत माना है, जबकि 54% लड़कों और 59% लड़कियों ने स्वीकार किया कि उनके परिवार अभी भी शादी में दहेज लेते या देते हैं। इसके अलावा, 71.4% लड़कों और 65.2% लड़कियों ने विवाह को सामाजिक व्यवस्था के लिए आवश्यक माना है।
नशे और रिश्तों के प्रति धारणाएं
मप्र के युवाओं में नशे और रिश्तों के प्रति भी सकारात्मक सोच विकसित हो रही है। 74% लड़के और 74.4% लड़कियां नशा न करने को लेकर किसी हीन भावना का अनुभव नहीं करते। इसी तरह, गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड न होने पर भी 77.2% लड़कों और 81.9% लड़कियों ने किसी प्रकार की हीन भावना नहीं महसूस की।
इस सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि मध्य प्रदेश के युवाओं में लैंगिक समानता, सामाजिक रूढ़िवादिता, और अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को लेकर नई दृष्टि विकसित हो रही है। यह बदलाव प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
मध्य प्रदेश के युवाओं की सोच और दृष्टिकोण में बदलाव को समझने के लिए मप्र पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा द्वारा एक व्यापक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें प्रदेश के 45,063 युवाओं ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण में लैंगिक समानता, रोजगार, फैशन, विवाह, और नशे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर युवाओं की राय को समझने का प्रयास किया गया है।
लैंगिक समानता और सुरक्षा
इस सर्वेक्षण के अनुसार, 72% से अधिक लड़कों का मानना है कि जिस प्रकार की पाबंदियां बेटियों पर लगाई जाती हैं, वही पाबंदियां बेटों पर भी लगनी चाहिए। इस विचारधारा से यह साफ है कि युवा पीढ़ी अब लैंगिक समानता को गंभीरता से ले रही है। वहीं, 86% युवकों ने कहा कि महिलाओं को घर से निकलने में किसी प्रकार का डर नहीं होना चाहिए।
रोजगार और बेरोजगारी
रोजगार के संबंध में युवाओं की राय काफी दिलचस्प है। 38.3% लड़कों और 32.1% लड़कियों का मानना है कि महिलाओं के रोजगार में वृद्धि से पुरुषों में बेरोजगारी बढ़ रही है। यह विचारधारा बताती है कि अभी भी कुछ युवा रोजगार के अवसरों को लेकर महिलाओं और पुरुषों के बीच प्रतिस्पर्धा महसूस करते हैं।
पहनावा और आधुनिकता
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि पहनावे को लेकर युवा पीढ़ी की राय बदल रही है। 61% युवाओं ने माना कि आधुनिकता की पहचान सिर्फ पहनावे से नहीं होती, बल्कि यह सोच और विचारधारा पर निर्भर करती है। वहीं, 70.2% लड़कियों और 66.8% लड़कों ने माना कि रूढ़िवादी सोच सामाजिक प्रगति में बाधक है।
विवाह और दहेज प्रथा
शादी और दहेज के मुद्दे पर भी युवाओं की सोच में बदलाव देखा गया है। 74.3% लड़कों और 79.5% लड़कियों ने दहेज प्रथा को गलत माना है, हालांकि, 54% लड़कों और 59% लड़कियों ने माना कि उनके परिवार अभी भी शादी में दहेज लेते या देते हैं। यह दर्शाता है कि दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता के बावजूद, सामाजिक दबाव के कारण यह प्रथा अभी भी जारी है।
नशे और सामाजिक संबंध
मप्र के युवाओं के बीच नशे को लेकर भी सकारात्मक बदलाव देखा गया है। 73.5% लड़के और 74.4% लड़कियां कहते हैं कि उन्हें नशा न करने पर कोई हीन भावना महसूस नहीं होती। इसके साथ ही, गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड न होने पर भी 77.2% लड़कों और 81.9% लड़कियों ने किसी प्रकार की हीन भावना नहीं महसूस की।
यह सर्वेक्षण मध्य प्रदेश के युवाओं की बदलती सोच और दृष्टिकोण को दर्शाता है। लैंगिक समानता, रोजगार, सामाजिक रूढ़िवादिता, विवाह और नशे जैसे मुद्दों पर युवाओं की नई सोच प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि, रोजगार और दहेज जैसे मुद्दों पर अभी भी पारंपरिक विचारधाराएं हावी हैं, जिन्हें बदलने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
इस सर्वेक्षण के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश के युवा धीरे-धीरे परंपरागत सोच से बाहर निकलकर एक नई और प्रगतिशील सोच की ओर बढ़ रहे हैं।