धार। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन धार के बैनर तले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत सोमवार से हो गई। जिला अस्पताल में पदस्थ नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर उतर गया है।
इस कारण जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। वार्डों में ट्रेनी नर्सिंग स्टूडेंट की ड्यूटी लगाकर व्यवस्था बनाने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन इससे भी हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा है।
हालांकि यह हड़ताल का पहला दिन है, ऐसे में आने वाले दिनों में व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित होती दिख सकती हैं। नर्सिंग ऑफिसर वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए हैं।
बता दें कि प्रदेश में आने वाले 3-4 माह में विधानसभा चुनाव होना है। इसके पहले हर तरफ सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की नाराजगी देखने को मिल रही है। लगातार कर्मचारी संगठनों के बैनर तले हड़ताल और धरना-प्रदर्शन हो रहा है।
इसी कड़ी में नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन की भी हड़ताल शुरू हो गई है जिसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिल रहा है। पहले ही दिन से व्यवस्थाएं गड़बड़ाई नजर आ रही हैं। ऐसे में ट्रेनी स्टाफ को मैदान में उतारना पड़ा है।
यह है मांगें –
- नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर कर अन्य अन्य प्रदेशों की भांति सेकेंड ग्रेड दिया जाए।
- पदनाम नर्सिंग ऑफिसर वेतनमान ग्रेड-पे 2800 से बड़ा कर ग्रेड-पे 4200 किया जाए।
- सीनियर नर्सिंग ऑफिसर / ट्यूटर की ग्रेड पे 3600 बढ़ा कर ग्रेड पे 4600 किया जाए।
- मेट्रन ग्रेड पे 4200 से बढ़ा कर 4800 किया जाए।
- रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को पांच सौ प्रति रात्रि दिया जाता है जबकि इनके साथ संलग्न नर्सेस व अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी 300 रुपये प्रति रात्रि आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाए।
- प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी अधिकारी कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन किया जाये साथ ही भर्ती नियमों में संशोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सुझाव लिया जाए।
- ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज में जी.एन.एम. नर्सिंग को तीन और बी.एस.सी. नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गई है, जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं दी गई है। विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है। ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज की भांति अन्य शेष मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग ऑफिसर को तीन और चार वेतन वृद्धि दी जाए।
- नर्सिंग स्टूडेंट का स्टॉयफण्ड 3000 रु. से बढ़ाकर 8000 रु. किया जाए।
नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पदोन्नति पद पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाए। नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित किए जाए। - शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70 प्रतिशत 60-प्रतिशत 90 प्रतिशत मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाए। पुरानी पेंशन (ओ.पी.एस.) पूर्व की भांति लागू की जाए। इन मांगों को लेकर आज से चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है।