भारत का UPI व सिंगापुर का पे-नाऊ जुड़े, आसान हुआ पैसे का लेन-देन


सिंगापुर और भारत के लोग अब अपने मोबाइल फोन से उसी तरह पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे जैसे वे अपने-अपने देश के अंदर करते हैं।


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नई दिल्ली। भारत-सिंगापुर के बीच आज (मंगलवार) 21 फरवरी 2023 से धन का आदान-प्रदान आसान हो गया है। पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हसीन लूंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और सिंगापुर के पे-नाऊ के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी की शुरुआत के साक्षी बने।

इस सुविधा की शुरुआत सिंगापुर में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने की।

‘भारत और सिंगापुर की मित्रता बहुत पुरानी’ –

इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारत और सिंगापुर के लोगों को बधाई देते हुए कहा, भारत और सिंगापुर की मित्रता बहुत पुरानी है। समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है। हमारे पीपल टू पीपल रिश्ते इसके मुख्य आधार है।

उन्होंने कहा, यूपीआई पे-नाऊ लिंक का लॉन्च आज दोनों देशों के नागरिकों के लिए एक ऐसा उपहार है जिसका वे उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा, आज के युग में टेक्नोलॉजी हमें अनेक प्रकार से एक दूसरे से जोड़ती है। फिनटेक भी एक ऐसा सेक्टर है जो लोगों को एक दूसरे से कनेक्ट करता है।

सामान्य तौर पर इसका दायरा एक देश की सीमाओं के भीतर ही सीमित होता है, लेकिन आज के लॉन्च ने क्रॉस बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी के एक नये अध्याय का शुभारंभ किया है।

‘सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से कर पाएंगे पैसे ट्रांसफर’ –

पीएम ने कहा, आज के बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी तरह पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे जैसे वे अपने-अपने देश के अंदर करते हैं। इससे दोनों देशों के लोगों को अपने मोबाइल से तत्काल कम खर्च में फंड ट्रांसफर करने में मदद मिलेगी।

इस सुविधा से दोनों देशों के बीच सस्ता और रियल टाइम विकल्प संभव हो पाएगा। इसका हमारे प्रवासी भाई-बहनों, प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स और उनके परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा।

‘इनोवेशन और मॉडर्नाइजेशन के लिए उचित वातावरण बनाने को दी सर्वोच्च प्राथमिकता’ –

पीएम ने कहा, बीते वर्षों में भारत ने इनोवेशन और मॉडर्नाइजेशन के लिए उचित वातावरण बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमारे डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से ‘देश ईज ऑफ लिविंग’ में भी बढ़ा है और ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ भी बढ़ा है। इससे डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ फाइनेंशियल इंक्लूजन को भी अभूतपूर्व गति मिली है।

‘फिनटेक और डिजिटल क्रांति में भारत की सफलता की अगुवाई कर रहे टेक्नोलॉजी ट्रेंड युवा’ –

पीएम ने कहा, डिजिटल इंडिया अभियान ने गवर्नेंस और पब्लिक सर्विस डिलीवरी में अभूतपूर्व रिफॉर्म को भी संभव बनाया है। ये भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की ही ताकत है कि कोविड पेंडेमिक के दौरान हम करोड़ों लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर कर पाए।

पीएम ने याद करते हुए कहा, पांच साल पहले मैंने सिंगापुर में कहा था कि फिनटेक इनोवेशन और युवा ऊर्जा में विश्वास का एक बहुत बड़ा उत्सव है। फिनटेक और डिजिटल क्रांति में भारत की सफलता की अगुवाई हमारे टेक्नोलॉजी ट्रेंड युवा ही कर रहे हैं।

‘फिनटेक की दुनिया में भारत के हजारों स्टार्टअप्स मनवा रहे अपना लोहा’ –

पीएम ने कहा, आज फिनटेक की दुनिया में भारत के हजारों स्टार्टअप्स अपना लोहा मनवा रहे हैं। इसी ऊर्जा की वजह से आज रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में भारत विश्व के अग्रणी देशों में है।

आज यूपीआई भारत में सबसे पसंदीदा पेमेंट मैकेनिज्म बन गया है। मर्चेंट्स और कंज्यूमर्स दोनों ही इसे ज्यादा से ज्यादा अपना रहे हैं। इसलिए आज बहुत से एक्सपर्ट्स ये अनुमान लगा रहे हैं कि भारत में डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन नकद लेनदेन से अधिक हो जाएंगे।

‘2022 में UPI से 126 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हुए’ –

पिछले वर्ष यानि 2022 में यूपीआई के माध्यम से करीब 126 लाख करोड़ रुपएये यानी दो ट्रिलियन सिंगापुर डॉलर से अधिक मूल्य के ट्रांजेक्शन हुए हैं। अगर मैं नंबर ऑफ ट्रांजैक्शन की बात करूं तो ये भी 7 हजार चार सौ करोड़ से अधिक होता है।

ये दिखाता है कि भारत का यूपीआई सिस्टम कितनी बड़ी संख्या को आसानी से और सुरक्षित तरीके से हैंडल कर रहा है। अच्छा ये भी कि विभिन्न देशों के साथ यूपीआई की पार्टनरशिप भी बढ़ रही है। सिंगापुर पहला देश है जिसके साथ आज पर्सन टू पर्सन पेमेंट फैसिलिटी लॉन्च हुई है।

सिंगापुर में रहने वाले भारतीयों को होगा सबसे अधिक फायदा –

उल्लेखनीय है कि केवल सिंगापुर ही नहीं दुनिया के कई और देश भी हैं जहां UPI एक्सेप्टेड है। UPI को ग्लोबली एक्सेप्टेड करने वाले देशों में न सिर्फ नेपाल, भूटान जैसे देश शामिल हैं बल्कि यूरोप के भी कई देश हैं। जैसे फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम आदि।

फिनटेक नवाचार के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ते पारिस्थितिक तंत्रों में से एक के रूप में उभरा है। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सर्वश्रेष्ठ डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे के वैश्वीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।



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