उज्जैन। महाकाल मंदिर में 101 रुपए से भी सामान्य दर्शन सुविधा का विरोध होने के बीच बुधवार को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने स्पष्ट किया है कि कोरोना संक्रमण के कारण प्री-बुकिंग से ही दर्शन व्यवस्था की जाएगी। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को प्री-बुकिंग पर ही नि:शुल्क दर्शन की व्यवस्था की है। प्री-बुकिंग नहीं करा पाने वाले श्रद्धालु 250 रुपए की शीघ्र दर्शन व्यवस्था से दर्शन कर सकते हैं।
बिना प्री-बुकिंग सामान्य दर्शन कतार से दर्शन करने के इच्छुक के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि 101 रुपए दान से सामान्य दर्शन सुविधा ऐसे श्रद्धालुओं के लिए ही की है। आमतौर पर देश के विभिन्न हिस्सों से कई श्रद्धालुओं को यहां आने के बाद प्री-बुकिंग का पता चलता है। ऐसे श्रद्धालुओं को सामान्य दर्शन कतार की सुविधा का लाभ 101 रुपए दान रसीद से मिल रहा है।
व्यवस्था बदलने पर कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा
कलेक्टर के मुताबिक, प्री-बुकिंग व्यवस्था समाप्त कर दी जाती है तो एक ही समय में ज्यादा श्रद्धालुओं के आने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। प्री-बुकिंग में समिति द्वारा तय स्लॉट में दर्शन कराए जा रहे हैं। ऐसे में एक ही समय में मंदिर में ज्यादा भीड़ नहीं होती। एक दिन में अलग-अलग समय में अधिकतम 7 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। इससे कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सावधानी का पालन आसान है।
विहिप ने दर्शन शुल्क लेने के विरोध में दिए ज्ञापन
विहिप ने सामान्य दर्शनार्थियों से 101 रुपए शुल्क लेने का विरोध किया है और उसके एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संभागायुक्त आनंद शर्मा से शुल्क समाप्त करने की मांग की। विहिप के जिला मंत्री मनीष रावल ने बताया ओंकारेश्वर की पूजन और बैठक व्यवस्था भी 27 फरवरी के पूर्व अनुसार बनाकर महानिर्वाणी अखाड़े को सौंपने की मांग की गई।