रक्षाबंधन पर इस बार सूर्योदय के पहले ही समाप्त हो जायेगा भद्रा


इस बार रक्षाबंधन पर्व में भद्रा आड़े नहीं आएगा। रक्षाबंधन पर सूर्योदय के पहले ही भद्रा की समाप्ति हो जाएगी इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ रहेगा।


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सितारों की बात Published On :
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भाई-बहन के अटूट प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा। सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा समाप्त हो जाएगा। आमतौर पर रक्षाबंधन के दिन भद्रा की स्थिति बनती है इसलिए राखी बांधने के लिए भद्रा समाप्ति का इंतजार करना पड़ता है।

लेकिन, इस बार रक्षाबंधन पर्व में भद्रा आड़े नहीं आएगा। रक्षाबंधन पर सूर्योदय के पहले ही भद्रा की समाप्ति हो जाएगी इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ रहेगा।

इसी के साथ इस दिन ग्रह-नक्षत्रों के मेल से कई शुभ संयोग भी विद्यमान रहेंगे। रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधेगी और रक्षा का वचन लेंगी। गांव-शहर में रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

पूर्णिमा होने के कारण अक्सर रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहता है। कई बार सुबह से दोपहर बाद तक भद्रा की स्थिति रहती है। भद्रा की समाप्ति के बाद ही राखी बांधी जाती है।

इस बार भद्रा 22 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में 5 बजकर 19 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगा इसलिए सूर्योदय से लेकर पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। भद्रा में भाई को राखी नहीं बांधना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि रावण को उसकी बहन ने भद्रा नक्षत्र में ही राखी बांधी थी। इससे उसका अनिष्ट हुआ।

ज्योतिष संस्थान के पं. अशोक शास्त्री के अनुसार रक्षाबंधन के दिन दो शुभ योग विद्यमान रहेंगे। सुबह से शाम तक मातंग योग रहेगा और दोपहर 12 बजे तक शोभन योग का संयोग भी रहेगा।

पं. अशोक शास्त्री के अनुसार रक्षाबंधन पर सुबह 06:15 से लेकर 10: 34 बजे तक शोभन योग रहेगा। वहीं शाम 07:40 बजे तक धनिष्ठा योग रहेगा। इसमें राखी बांधना सबसे उत्तम है। इस बार रक्षाबंधन पर प्रातः 06:15 बजे से सायं 7:40 के बीच बहनें कभी भी राखी बांध सकती हैं।

ज्योतिष शास्त्री ने बताया कि भद्रा इस दिन सूर्योदय के पहले ही खत्म हो जाएगा इसलिए पूरा दिन ही राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ है। इस दिन शोभन योग भी रहेगा। इसी प्रकार धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।

शास्त्री के अनुसार वैसे तो राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ है, लेकिन शाम 4.30 से 6 बजे तक राहुकाल है इसलिए राहुकाल में रक्षा सूत्र बांधने से बचें।

हर साल रक्षाबंधन के एक माह पहले ही बाजारों में राखियों की दुकाने सज जाती थीं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण देर से दुकाने सज रही हैं। बाजारों में राखियों के स्टॉल लगने लगे हैं, लेकिन फिलहाल खरीदारी कमजोर है।

हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ग्राहकी जोर पकड़ेगी। पुराने शहर के थोक दुकानों से राखी की बिक्री धीरे-धीरे शुरू हो गई है। वहीं नए शहर के बाजारों में भी धीरे-धीरे दुकानदार स्टॉल लगाने लगे हैं।



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