नागपुर में कर्फ्यू: औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर बवाल


नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर तनाव बढ़ गया है। हिंसा के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया। जानें पूरी खबर।


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बड़ी बात Published On :

महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। तनावपूर्ण हालात के बीच अफवाहों और भड़काऊ बयानों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इस विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी बहस को जन्म दिया है।

 

कैसे शुरू हुआ विवाद?

सोमवार को नागपुर के कुछ इलाकों में बवाल तब भड़का जब सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली कि किसी समूह ने पवित्र कुरान को जला दिया है। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यह मामला जल्द ही सांप्रदायिक तनाव में बदल गया, और पुलिस को हालात संभालने के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा।

 

किन इलाकों में कर्फ्यू?

नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू किया गया है। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा।

 

मायावती ने क्या कहा?

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की कि वह “शरारती तत्वों” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि राज्य में शांति बनी रहे। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है। इससे सामाजिक सद्भावना बिगड़ती है। सरकार को ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हालात और न बिगड़ें।”

 

औरंगजेब की कब्र क्यों विवादों में?

मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) के खुल्दाबाद में स्थित है। हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसकी सुरक्षा और मौजूदगी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि औरंगजेब की कब्र इतिहास के “दमन और गुलामी” का प्रतीक है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए। इस मांग को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन भी सौंपा है।

 

क्या कहता है प्रशासन?

पुलिस प्रशासन का कहना है कि वे स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं और शांति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है, और वहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पहचान दर्ज करानी होगी।

इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति को भी गर्मा दिया है। जहां हिंदू संगठनों ने कब्र हटाने की मांग तेज कर दी है, वहीं विपक्षी दल इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश बता रहे हैं। प्रशासन अब किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए सतर्क है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति और बहस अभी जारी रहने की संभावना है।स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में नागपुर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा और कड़ी की जा सकती है।

 



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