मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था: एजूकेशन पोर्टल 3.0 से होगी शुरुआत


मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग AI पोर्टल 3.0 के जरिए स्कूलों की निगरानी करेगा। BRC और DPC पद समाप्त कर AEO की नियुक्ति होगी। जानें नई शिक्षा प्रणाली से क्या बदलने वाला है।


आशीष यादव आशीष यादव
भोपाल Published On :

मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आगामी शिक्षा सत्र से स्कूल शिक्षा विभाग एक नई प्रणाली को लागू करेगा, जिसमें ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (BRC) और जिला परियोजना समन्वयक (DPC) जैसी व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। उनकी जगह एरिया एजुकेशन ऑफिसर (AEO) की नियुक्ति होगी। इस बदलाव के साथ ही, AI आधारित “एजुकेशन पोर्टल 3.0″ विकसित किया जा रहा है, जो शिक्षकों, छात्रों और स्कूलों की वास्तविक स्थिति पर निगरानी रखेगा।

 

12 साल बाद लागू होगी नई प्रणाली

राज्य सरकार ने 2013 में “स्टेट एजुकेशन सर्विस” के गठन की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था। अब 12 साल बाद यह प्रणाली पूरी तरह लागू की जा रही है। इसमें संकुल केंद्र, जनशिक्षा केंद्र, डीपीसी और बीआरसी ऑफिस समाप्त किए जाएंगे। इसके स्थान पर ब्लॉक स्तर पर एरिया एजुकेशन ऑफिसर (AEO) और सहायक संचालक नियुक्त किए जाएंगे, जो पूरी शिक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे।

 

AI आधारित एजुकेशन पोर्टल 3.0

इस नई व्यवस्था में एआई आधारित एजुकेशन पोर्टल 3.0 की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह पोर्टल पूरे राज्य के स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों का वास्तविक डेटा एकत्र करेगा और जरूरत के हिसाब से शिक्षक नियुक्ति, स्कूल संचालन और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को व्यवस्थित करेगा।

 

पोर्टल की विशेषताएं:

 

शिक्षकों की वास्तविक स्थिति: किस स्कूल में कितने शिक्षक उपलब्ध हैं और कितने की जरूरत है, इसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।

शिक्षकों का स्थानांतरण और नियुक्ति: पोर्टल बताएगा कि किस स्कूल में शिक्षकों की कमी या अधिकता है।

छात्रों की ट्रैकिंग: पोर्टल से छात्रों की शैक्षणिक स्थिति की निगरानी होगी, जिससे ड्रॉपआउट रोकने में मदद मिलेगी।

GIS मैपिंग: सभी स्कूलों की लोकेशन और स्थिति को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

 

कैसे बदलेगा शिक्षा विभाग का ढांचा?

 

1. जिला स्तर पर बदलाव:

डीईओ का पद समाप्त होगा और अब इसे सहायक संचालक (उच्च माध्यमिक शिक्षा) कहा जाएगा।

डीपीसी की जगह सहायक संचालक (प्राथमिक शिक्षा) पद होगा, जो प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की निगरानी करेगा।

 

2. ब्लॉक स्तर पर बदलाव:

बीईओ पद खत्म होगा और उसकी जगह सहायक संचालक और एरिया एजुकेशन ऑफिसर (AEO) होंगे। BRC और BAC ऑफिस नहीं रहेंगे।

 

3. संकुल और जनशिक्षा केंद्रों में बदलाव:

संकुल केंद्र समाप्त होंगे और उनकी जगह AEO केंद्र काम करेंगे। हर AEO केंद्र में दो CAC (क्लस्टर अकादमिक कोऑर्डिनेटर) होंगे, जो शिक्षकों और छात्रों के डेटा को मैनेज करेंगे।

 

विरोध के सुर भी उठे

नई व्यवस्था को लेकर शिक्षकों और शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है। आरोप है कि बिना परामर्श के संकुल केंद्र समाप्त किए जा रहे हैं। कई संकुल प्राचार्यों का कहना है कि नए केंद्रों के लिए कोई पूर्व सहमति नहीं ली गई।

 

शिक्षा विभाग की सफाई

धार जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) लक्ष्मण देवड़ा ने कहा कि नई व्यवस्था को सभी दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू किया जा रहा है। अगर किसी को आपत्ति है, तो उसे सुना जाएगा।

 

क्या होंगे संभावित फायदे?

 

✔ डिजिटल ट्रैकिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी

✔ शिक्षक प्रबंधन में सुधार होगा

✔ छात्रों का ड्रॉपआउट रेट कम होगा

✔ सरकारी स्कूलों की स्थिति मजबूत होगी

 

नई व्यवस्था के साथ शिक्षा विभाग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर स्कूल शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए सही क्रियान्वयन और सभी पक्षों की सहमति जरूरी होगी।



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