घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दी है। इसके बिना सब्सिडी नहीं मिलेगी, लेकिन इसके बावजूद अब तक सिर्फ 75% उपभोक्ताओं ने ही अपनी ई-केवाईसी पूरी कराई है। स्थिति यह है कि गैस एजेंसियां अपने ग्राहकों को मैसेज और कॉल कर सूचना दे रही हैं, लेकिन फिर भी उपभोक्ताओं की रुचि इस प्रक्रिया में कम है।
ई-केवाईसी में उपभोक्ताओं की धीमी रुचि का मुख्य कारण गैस सिलेंडर पर मिलने वाली कम सब्सिडी बताया जा रहा है। उज्ज्वला योजना और लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों को 300 रुपये से अधिक सब्सिडी मिल रही है, जबकि सामान्य उपभोक्ताओं को 24 रुपये या उससे अधिक ही सब्सिडी दी जा रही है।
ई-केवाईसी क्यों जरूरी?
पेट्रोलियम मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि यदि किसी उपभोक्ता की ई-केवाईसी नहीं हुई, तो उसे भविष्य में सब्सिडी नहीं मिलेगी। ऐसे में उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द अपनी गैस एजेंसी पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
गैस कंपनियां उपभोक्ताओं को लगातार जागरूक करने की कोशिश कर रही हैं। कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को गांव-गांव भेजकर डोर-टू-डोर ई-केवाईसी कराने का अभियान भी शुरू किया है। इसके बावजूद अब भी 25% उपभोक्ताओं ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं कराई।
गैस कंपनियों का तोहफा: सेफ्टी चेक अब फ्री
गैस कंपनियों ने उपभोक्ताओं के लिए सेफ्टी चेक को पूरी तरह से मुफ्त कर दिया है। पहले इसके लिए 236 रुपये शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब उपभोक्ताओं को यह सेवा बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दी जाएगी।
गैस सेफ्टी चेक के दौरान एजेंसी यह सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ताओं का गैस कनेक्शन पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं। सिलेंडर लीक तो नहीं हो रहा, पाइप सही स्थिति में है या नहीं, स्टोव से गैस रिसाव तो नहीं हो रहा—इन सभी पहलुओं की जांच की जाती है।
अब सेफ्टी चेक के लिए उपभोक्ताओं को केवल अपनी गैस पासबुक (डायरी) एजेंसी पर ले जानी होगी, जहां इसकी एंट्री की जाएगी और फ्री में यह सेवा मिलेगी।
धार जिले में गैस कनेक्शन की स्थिति
- धार जिले में 4.80 लाख घरेलू गैस उपभोक्ता हैं, जिनमें से—
- 2.30 लाख उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं।
- 2.40 लाख सामान्य घरेलू गैस उपभोक्ता हैं।
अब तक 75% उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी करवा ली है, लेकिन बाकी बचे 25% उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी, वरना उन्हें सब्सिडी मिलना बंद हो सकता है।
ई-केवाईसी कैसे कराएं?
ई-केवाईसी कराने के लिए उपभोक्ताओं को अपनी गैस एजेंसी पर जाना होगा और वहां बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (फिंगरप्रिंट स्कैन) के माध्यम से केवाईसी पूरी करनी होगी। साथ ही, उन्हें अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर भी साथ ले जाना जरूरी होगा।
कुछ गैस एजेंसियों ने अपने कर्मचारियों को घर-घर जाकर ई-केवाईसी करवाने के लिए भेजा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में एजेंसियां विशेष कैंप आयोजित कर रही हैं, ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
गैस कंपनियों की अपील: जल्द कराएं ई-केवाईसी
लक्की गैस एजेंसी की संचालिका सीमा जगदीश बरखेड़ा ने बताया कि ई-केवाईसी हर उपभोक्ता के लिए अनिवार्य है। यदि कोई उपभोक्ता इसे नहीं करवाता, तो सब्सिडी के साथ-साथ भविष्य में गैस कनेक्शन भी बंद हो सकता है।
गैस कंपनियों का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है, उन्हें तुरंत अपने नजदीकी गैस एजेंसी से संपर्क करना चाहिए।