मध्य प्रदेश में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है। भाजपा सरकार से चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की मांग करते हुए विदिशा में मंगलवार को भारतीय किसान संघ ने बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया। किसानों ने विवेकानंद चौराहे से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक मार्च किया और अपनी मांगों को लेकर डिप्टी कलेक्टर मोहिनी शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
किसानों की मुख्य मांग है कि गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹2,700 प्रति क्विंटल किया जाए, जैसा कि भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वादा किया गया था। इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की जमा तारीख 28 मार्च से बढ़ाकर स्थायी रूप से 31 मई करने की मांग की गई है।
कृषि उपज मंडी समिति विदिशा में हो रही अनियमितताओं को लेकर भी किसानों ने चिंता जताई। संगठन ने कहा कि मंडी अधिनियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और मंडियों में किसानों की फसलों की तुलाई डिजिटल धर्मकांटे से हो।
खाद-बीज में अनियमितता और अन्य समस्याएं
किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग नकली खाद और कीटनाशकों के कारोबार में लिप्त है, जिससे उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा, विदिशा जिला मुख्यालय पर कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना, नहरों और तालाबों की मरम्मत, और खरीफ फसल 2022 का बीमा भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।
भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे 5 फरवरी को भोपाल के वल्लभ भवन का घेराव करेंगे। संगठन के नेताओं का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं को अनदेखा कर रही है, जबकि उनकी परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। किसानों का यह आंदोलन चुनावी वर्ष में भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। MSP को लेकर विरोध प्रदर्शन पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा है। सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम उठाए जाने की घोषणा नहीं हुई है। किसानों का यह प्रदर्शन राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। भाजपा सरकार पर अपने वादों को पूरा करने का दबाव है। यदि यह आंदोलन और तेज हुआ, तो सरकार के लिए चुनावी माहौल को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है।