टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित होगा डायनासोर फॉसिल्स पार्क, जारी हुए टेंडर


डायनासोर फॉसिल्स पार्क की 89.4 हेक्टेयर जमीन, जो जैव विविधता और जीवाश्मों का खजाना मानी जाती है, को संरक्षित और विकसित करने की लंबे समय से योजना बनाई जा रही है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

जिले के बाग क्षेत्र में स्थित डायनासोर फॉसिल्स नेशनल पार्क को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस दिशा में वन विहार नेशनल पार्क भोपाल ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करवाने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी नियुक्त करने की निविदा जारी की है। इच्छुक एजेंसियों से 17 दिसंबर तक प्रस्ताव मांगे गए हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना

डायनासोर फॉसिल्स पार्क की 89.4 हेक्टेयर जमीन, जो जैव विविधता और जीवाश्मों का खजाना मानी जाती है, को संरक्षित और विकसित करने की लंबे समय से योजना बनाई जा रही है। इस पार्क को पर्यटन के लिहाज से और आकर्षक बनाने के लिए मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड, वन विभाग और अन्य इकाइयों ने मिलकर प्रारंभिक काम पूरे किए हैं। सीमांकन और तार फेंसिंग जैसे कार्य पहले ही किए जा चुके हैं। अब इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई जा रही है।

13 नवंबर को वन विहार नेशनल पार्क ने निविदा जारी कर डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी खोजने की प्रक्रिया शुरू की। योजना के तहत 4 करोड़ रुपये तक का व्यय प्रस्तावित है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

डीपीआर के अनुसार, इस पार्क में विभिन्न ऐतिहासिक और मनोरंजक केंद्र विकसित किए जाएंगे। इनमें डायनासोर सेंटर, सेल्फी स्टूडियो, शार्क पॉइंट, नर्मदा वैली हेरिटेज पॉइंट जैसे स्थल शामिल होंगे। उद्देश्य यह है कि पर्यटक इस पार्क के माध्यम से जीवाश्म और इतिहास को नजदीक से समझ सकें।

यह पार्क है खास

डायनासोर फॉसिल्स पार्क न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अद्वितीय है। यहां सदियों पुराने जीवाश्म, जैसे शाकाहारी डायनासोर के पेट्रीफाइड अंडे, सॉरोपॉड और एबेलिसॉरस डायनासोर की हड्डियां, शार्क मछलियों के अवशेष और नर्मदा घाटी के अन्य समुद्री जीवों के जीवाश्म संरक्षित हैं।

  • बाग के पाड़ल्या और आसपास के क्षेत्रों में मिले इन जीवाश्मों में डायनासोर काल के प्रमाण मौजूद हैं।
  • यह पार्क न केवल विज्ञान और इतिहास के लिए बल्कि पर्यावरण संरक्षण और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जीपीएस मैपिंग का सहारा

पार्क की 89.4 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित रखने और अतिक्रमण रोकने के लिए वन विभाग और राजस्व विभाग द्वारा जीपीएस मैपिंग की जा रही है। यह प्रक्रिया न केवल जमीन के सीमांकन में मददगार होगी, बल्कि भविष्य की कार्ययोजना बनाने में भी सहायक होगी। डीएफओ अशोक सोलंकी ने बताया कि मैपिंग का कार्य प्रगति पर है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

भविष्य की संभावनाएं

यह परियोजना स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के साथ-साथ धार जिले को पर्यटन के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिला सकती है। सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित कर पर्यटकों के लिए प्रस्तुत करना इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। डायनासोर फॉसिल्स नेशनल पार्क का यह नया स्वरूप न केवल वैज्ञानिकों और इतिहासकारों के लिए बल्कि सामान्य पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।



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