इस सेमिनार का आयोजन इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) द्वारा किया गया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। गडकरी ने कहा, “आप सभी सड़क निर्माण कार्य में लगे लोग असली विश्वकर्मा हैं, लेकिन कभी-कभी इसका क्रेडिट मुझे मिल जाता है। और जब सड़क पर गड्ढे होते हैं, तो मुझे गालियां भी मिलती हैं।” उन्होंने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने वाले अधिकारियों पर हल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा, “कई बार अफसर कमरे में बैठकर गूगल पर देखकर डीपीआर बनाते हैं। लेकिन जब सड़क के बीच मंदिर या मस्जिद आती है, तो काम रुक जाता है, जिससे लागत और समय दोनों बढ़ते हैं। मेरा सुझाव है कि डीपीआर को सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों से क्रॉस-चेक कराएं, जिससे उन्हें भी अनुभव मिलेगा।”
गति शक्ति परियोजना की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “अनुराग जैन ने सड़क निर्माण की कई परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गति शक्ति का क्रेडिट उन्हें ही जाता है।”
CM मोहन यादव ने की बड़े तालाब की तारीफ़
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पुरानी तकनीकों को याद करते हुए कहा, “नई तकनीकों के साथ हमें पुरानी तकनीकों को भी साथ लेकर चलना चाहिए। भोपाल के बड़े तालाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘1,000 साल पहले बने इस तालाब में मुख्य धारा को रोके बिना जल का प्रबंधन किया गया था, और आज भी यह तालाब अपनी शान से खड़ा है।'”
सीएस ने कहा नया शुरुआत में महंगा होता है
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “आज के समय में तकनीक काम करने का एक नया तरीका है। शुरू में यह महंगी हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ती है, यह सस्ती होती जाती है और इससे निर्माण की लागत में भी कमी आती है।”
यह सेमिनार न केवल नवीनतम तकनीकों पर केंद्रित था बल्कि पुरानी विरासत और उनके साथ तालमेल बैठाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सड़क निर्माण के क्षेत्र में नई संभावनाओं और तकनीकी उन्नति पर जोर देते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।