विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं के लिए बनेगी नई बटालियन


मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) के युवाओं को रोजगार और सेवा के नए अवसर प्रदान करने के लिए एक विशेष बटालियन गठित करने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य बैगा, भरिया, और सहारिया जनजातियों के युवाओं को सेना, नौसेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस सेवाओं में भर्ती के लिए प्रशिक्षित करना है। यह बटालियन “शौर्य संकल्प योजना” के तहत गठित की जाएगी, जिसका उद्देश्य इन जनजातियों को सशक्त बनाना और मुख्यधारा में लाना है।


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मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTG) के युवाओं को रोजगार और सेवा के नए अवसर प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के बैगा, भरिया और सहारिया जनजातियों के युवाओं के लिए विशेष बटालियन गठित की जाएगी, जो इन्हें मुख्यधारा में लाने के साथ-साथ रोजगार की नई संभावनाओं से जोड़ने का काम करेगी। यह बटालियन “शौर्य संकल्प योजना” के अंतर्गत गठित की जा रही है, जिसका उद्देश्य इन पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को सशक्त बनाना है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संबंध में आदेश भी जारी किए हैं।

 

जनजातीय कार्य विभाग की इस योजना के तहत, युवाओं को सेना, नौसेना, वायुसेना, और अर्धसैनिक बलों जैसे CRPF, CISF, ITBP, BSF, और पुलिस में भर्ती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, होमगार्ड्स और निजी सुरक्षा एजेंसियों में भी इन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे। योजना का उद्देश्य इन जनजातियों को रोजगार के क्षेत्र में सशक्त बनाकर उनके सामाजिक और आर्थिक विकास में तेजी लाना है।

 

भारत में PVTG समुदायों की कुल संख्या 75 है, जिनकी पहचान उनके आदिम विशेषताओं, भौगोलिक अलगाव, और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर की गई है। ये जनजातियाँ आमतौर पर शिकार पर निर्भर रहती हैं और कृषि के पूर्व तकनीकी स्तर पर हैं। 1973 में गठित ‘ढेबर आयोग’ द्वारा इन्हें “आदिम जनजातीय समूह” के रूप में पहचाना गया था, और 2006 में इन्हें “विशेष पिछड़ी जनजातियाँ” नाम दिया गया।

 

PVTG समुदायों की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार ने “प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन” शुरू किया है, जो इन जनजातियों के लिए बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़क, आवास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं को मुहैया कराने पर केंद्रित है। इस मिशन के अंतर्गत लगभग 24,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो इन जनजातियों के संपूर्ण विकास के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को समन्वित करके लागू किया जाएगा।

 

इसके अलावा, इन जनजातीय समूहों के लिए भोजन, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारें विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित कर रही हैं, जिससे इनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।