किसान आंदोलन: कृषि बिलों पर मोदी सरकार के खिलाफ आज ‘भारत बंद’, दिल्ली में किसानों का जमावड़ा रोकने की कोशिशें तेज़


आज किसानों के साथ-साथ तमाम ट्रेड यूनियनों ने भी मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा आंदोलन को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस आंदोलन में शामिल किसानों के मुताबिक शांतिपूर्ण विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार है और आज संविधान दिवस के दिन ही सरकारें उनके अधिकार का हनन कर रहीं हैं। 


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बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली। किसान बिल के खिलाफ़ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन का 26 नवंबर, गुरुवार को पहला दिन रहा।  इस दौरान किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। हरियाणा की खट्टर सरकार इसे लेकर काफी सक्रिय है। यहां की पुलिस किसी भी तरह किसानों को दिल्ली तक पहुंचने से रोकने का प्रयास कर रही है।पहले किसानों को जगह-जगह से गिरफ्तार किया, तेज पानी के बौछार और अब दिल्ली को सील कर उन पर आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं। आंदोलन में शामिल किसानों ने बताया कि एक ओर सरकार और नेता आज 26 नवंबर को संविधान दिवस की बधाईयां लोगों को दे रहे हैं और दूसरी ओर इसी दिन सरकारें  शांतिपूर्ण विरोध करने के उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहीं हैं। 

हरियाणा और दिल्ली से सटे सीमाओं के पास पुलिस और सुरक्षा बल के जवान  किसानों को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।

अम्बाला के पास शम्भू बॉर्डर पर किसानों पर आंसूं गैस के गोले फेंके जा रहे हैं।

उत्तर भारत में फिलहाल मौसम काफी सर्द है और किसानों को रोकने के लिए उन पर वॉटर कैनन इस्तेमाल किये जा रहे हैं।

बुधवार देर रात आगरा में यूपी पुलिस ने नर्मदा बचाव आन्दोलन के नेता मेधा पाटकर,  महाराष्‍ट्र की किसान आदिवासी नेता प्रतिभा शिंदे सहित कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश से दिल्ली आ रहे किसानों को भी पुलिस ने रोक दिया था।

दिल्ली और हरियाणा सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।  दिल्ली की सीमा को चारों ओर से सील कर दिया गया है।

पजाब कके फतेहगढ़ साहब से  दिल्ली के लिए निकले किसानों का काफिला।

मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ आज दिल्ली में दस लाख किसान इकट्टा होने वाले थे लेकिन किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए मोदी और  हरियाणा और यूपी सरकारों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।

किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पहली बार किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अपनी बात रखी है। केजरीवाल ने खेती बिलों को किसान विरोधी बताया है और उन्होंने किसानों के प्रदर्शन को दबाए जाने को भी गलत बताया है।

बता दें आज किसानों के साथ-साथ तमाम ट्रेड यूनियनों ने भी मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया है।

 

मजदूर विरोधी श्रम कानूनों और रेलवे सहित तमाम सार्वजानिक क्षेत्रों के उद्योगों के निजीकरण के खिलाफ भी आज देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।

 



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