दुष्प्रचार से जूझ रही नई पीढ़ी को पंडित नेहरू से सही परिचय कराने वाले पीयूष बबेले को साहित्य का बड़ा पुरुष्कार


पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी दे रही राष्ट्रीय स्तर का पंडित नेहरू शिखर सम्मान


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भोपाल Updated On :

पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी राष्ट्रीय स्तर का पंडित नेहरू शिखर सम्मान भोपाल के पूर्व पत्रकार पीयूष बबेले को प्रदान करेगी।  बबेले इन दिनों कांग्रेस नेता कमलनाथ के मीडिया सलाहकार हैं। उन्होंने पंडित नेहरु को करीब से समझने के लिए नेहरू मिथक और सत्य और गांधी सिसायत और सांप्रदायिकता नाम से भी एक किताब हालही में लिखी है। बबेले को यह सम्मान देने के लिए पुरुस्कार समिति के लगभग सभी विद्वानों ने उनके नाम की अनुशंसा दी।

अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने इस बारे में बताया कि पीयूष बबेले ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के मूल्यों और विचारों के बारे में नौजवान पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए साहित्य लिखा है जिसके लिए उनका सम्मान किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अकादमी ने राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार को प्रदान करने के लिए शीर्ष विद्वानों और नेहरू साहित्य के विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया था जिसमें गांधी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ बी .एम .शर्मा , पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री ओम थानवी । काशी विद्यापीठ बनारस में सेवारत रहे प्रोफेसर सतीश राय और वरिष्ठ साहित्यकार फारूक अफरीदी सदस्य थे। इस कमेटी ने सर्व सम्मत अनुशंसापर यह इस पुरस्कार के लिए पीयूष बबेले को चुना है।

अकादमी की ओर बताया गया कि राजस्थान में किसी भी अकादमी द्वारा प्रदान किए जा रहे पुरस्कारों की दृष्टि से यह पुरस्कार एवं सम्मान सर्वोपरि है क्योंकि इस सम्मान की राशि एक लाख रु. रखी गई है जो फिलहाल किसी भी अकादमी के द्वारा दी जाने वाली राशि की तुलना में सबसे अधिक है। अकादमी सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने बताया कि पुरस्कार स्वरूप बबेले को अकादमी की ओर से नकद पुरस्कार के अतिरिक्त मानपत्र और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बबेले युवा लेखक साहित्यकार और नेहरू के विचारों के वाहक और लेखक हैं। आपकी पुस्तक नेहरू मिथक और सत्य को देशभर में सराहना मिली है। अकादमी इस माह के अंत में जयपुर में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में बबेले को यह सम्मान प्रदान करेगी।

बीते करीब एक दशक के दौरान पंडित नेहरू के बारे में हो रहे दुष्प्रचार से लड़ने में बबेले जैसे लेखकों की भूमिका अहम रही है। उन्होंने सामुहिक रुप से फैलाए जा रहे दुष्प्रचारों के खिलाफ काम किया है। उन्होंने समाज को नेहरु जैसे महान लीडरों को समझने के लिए उनकी ज़िंदगी को फिर से अपनी किताबों में खोलकर रख दिया है। कांग्रेस पार्टी की नौजवान पीढ़ी की पंडित नेहरु को लेकर समझ को मजबूती भी दी है।



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