भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए इस बार विपक्ष से ज्यादा बड़ी चुनौती सामने दिखाई दे रही है। ये चुनौती उनके खुद के वादे भी हैं जो अब उन्हें याद कराए जा रहे हैं और वे कर्मचारी भी जिनके दम पर प्रदेश में व्यवस्था तंत्र और सरकार की योजनाएं चल रही हैं।
रोज़गार को लेकर युवाओं के विरोध का सामना कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज के सामने अब रोज़गार प्राप्त नागरिक भी खड़े गए हो गए हैं। प्रदेश के जहां डेढ़ लाख स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो विभिन्न विभागों के संविदा कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
कर्मचारियों ने कसम खाई है कि अब जो भी दल उनके नियमितीकरण की बात करेगा वे उसी का साथ देंगे इस तरह इन कर्मचारियों ने खुलकर दूसरे दलों से राजनीतिक सहयोग मांगा है।
मुख्यमंत्री शिवराज इन दिनों कर्मचारियों के निशाने पर हैं। इनमें प्रदेश के डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों का मामला काफ़ी अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री ने साल 2018 को चुनाव से ऐन पहले एक घोषणा की थी कि वे संविदा व्यवस्था को अन्यायपूर्ण मानते हैं और इसे खत्म करने के लिए संकल्पित हैं।
ऐसे में इन कर्मचारियों को उम्मीद थी कि दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज अपने संकल्प को पूरा करेंगे और उन्हें संविदा नौकरी की बजाए नियमित नौकरी मिलेगी और इस तरह समान काम समान वेतन का वादा भी पूरा होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कर्मचारी पिछले करीब डेढ़ साल से मुख्यमंत्री को उनका संकल्प याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक मुख्यमंत्री ने इस पर कोई बात नहीं की है। ऐसे में कर्मचारियों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है।
इन कर्मचारियों को कांग्रेस पार्टी से भी उम्मीदें हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में संविदा कर्मचारियों की बेहतरी को लेकर सरकार ने जो फैसले लिए हैं उनसे मप्र के कर्मचारी भी प्रभावित हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि अगर सरकार आती है तो आउटसोर्स और ठेका प्रथा को खत्म किया जाएगा।
बुधवार को इन संविदा कर्मचारियों ने भोपाल में बड़ा प्रदर्शन किया। पहले इन कर्मचारियों ने आंबेडकर पार्क में प्रदर्शन की तैयारी की लेकिन पुलिस ने इन्हें मौके से बल पूर्वक हटा दिया। इसके बाद कर्मचारी विधानसभा का घेराव करने की तैयारी में थे लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही इन कर्मचारियों को रोक लिया।
इसके बाद इन्हें भारत माता चौराहे पर ठेंगड़े भवन में प्रदर्शन की अनुमति दी गई। इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सहयोगी भारतीय मजदूर संघ की भी मौजूदगी रही और इस नाते संघ के कार्यकर्ता प्रदर्शन को लेकर सरकारी विभागों से संवाद करते रहे।
ये संगठन हुए शामिल –
इस प्रदर्शन में प्रदेश के सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों ने शिरकत की। इनमें मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, मनरेगा, मनरेगा अभियंता, ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत अभियान, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस हाउसिंग विभाग, मोबाइल स्रोत सलाहकार, सर्व शिक्षा अभियान, कृषि विभाग, शहरी आजीविका मिशन, अध्यक्ष शहरी आजीविका मिशन संघ वाटरशेड मिशन, हेण्डपंप टेक्नीशियन, पीएम आवास योजना के हजारों संविदा कर्मचारी शामिल हुए।