धार। मौसम के करवट बदलने से किसानों के चार महीनों की मेहनत पर संकट के बादल छा गए हैं। जिले के किसानों में फसल खराब होने की चिंता बढ़ गई है। अन्नदाताओं का मुंह आया निवाला छीनने की कगार पर है और दिन-रात एक ही चिंता सताने लगी है कि फसलों का क्या होगा।
दो दिनों से मौसम परिवर्तन से किसानों ने गेहूं की फसल को पकने का इंतजार किए बिना ही काटना शुरू कर दिया है। उसे अभी से खेतों से घर लेकर आ गए हैं क्योंकि जो माल घर जाएगा वह खेतो में खराब नहीं होगा।
क्षेत्र सहित पूरे जिले में दो दिनों से अचानक मौसम में बदलाव हुआ और बढ़ते तापमान के बीच ठंडक घुल गई। शनिवार से दिनभर आसमान पर बादलों का डेरा रहा तो ठंडी हवाएं भी चलीं।
रात में बदलते मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी और फसलों में नुकसान का डर लगने लगा। अचानक बदले मौसम के साथ ही बारिश की बूंदें किसानों के लिए आफत बनकर बरसीं। गेहूं की फसल पक चुकी है और बारिश के साथ तेज हवाओं ने गेहूं के साथ अन्य फसलों में नुकसान किया है।
तेज हवा से हुआ नुकसान –
अनारद तीसगांव तलाई बिल्लोदा पचलाना व मलगांव सहित आसपास के क्षेत्र में मौसम में बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। फसल कटाई का दौर शुरू होने वाला है और अब बदले मौसम ने फसल में नुकसान कर दिया है।
गेहूं कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में शाम को तेज हवा चलने के कारण किसानों की नींद उड़ गई है। किसान ने इस बार गेहूं की फसल की बुआई कर रखी और फसल को काटने वाले थे, लेकिन शनिवार मौसम ठंडा हुआ जिससे गेहूं की कटाई रुक गई।
वर्तमान में प्रत्येक किसान के गेहूं की फसल पक गए हैं और किसानों ने कटाई कर हार्वेस्टर से कटाई का काम शुरू करवाया था, जो रुक गया है। सोमवार को एक बार फिर से मौसम में परिवर्तन हुआ जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
तेज हवा ने गेहूं की फसल की तोड़ी कमर –
दो दिनों से तेज हवा के साथ बूंदाबादी हुई, लेकिन तेज हवा से आज गेहूं की फसलों में नुकसान हुआ है। खेतों में खड़े गेहूं की कमर हवा ने तोड़ दी और गेहूं खेत में ही आड़े हो गए।
शनिवार शाम फिर बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र में बूंदाबांदी से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। तेज हवाओं के चले दौर के कारण किसान चिंता में है। गेहूं की कटाई का काम फिर रुक गया है जिससे किसान चिंतित नजर आ रहा है।
मेहनत पर फिर जाएगा पानी –
किसानों की फसल पक कर तैयार हो चुकी है। पक चुकी फसल पर अब पानी पड़ने से उसके खराब होने का अंदेशा है। पिछले दो दिनों से मौसम के बदलाव से किसानों में डर बैठ गया है। अगर बारिश या ओलावृष्टि होती है तो किसानों को नुकसान उठाना होगा – सुरेश राठौड़, किसान, बिल्लोदा
मुंह आया निवाला छीन लेगा –
किसानों ने पसीना बहा कर 4 महीने दिन-रात खेतों में फसल को पकाया है और अब मौसम खराब हो रहा है। अगर ओलावृष्टि या तेज बारिश होती है तो गेहूं व अन्य फसलों को नुकसान होगा। किसान के मुंह आया हुआ निवाला छीन जाएगा जिससे किसानों को आर्थिक स्थिति खराब होगी – मुकेश परमार, किसान, अनारद