शंभू बॉर्डर पहुंचकर स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने बुलंद की किसानों की आवाज़


रेसलर विनेश फोगाट ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देते हुए कहा कि वह एक किसान की बेटी हैं और उनके परिवार ने भी किसानों की कठिनाइयों का सामना किया है। उन्होंने किसानों के संघर्ष को समर्थन देते हुए कहा कि यह सिर्फ फसलों के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है।


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उनकी बात Updated On :

कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट ने शनिवार सुबह पंजाब और हरियाणा के बीच शंभु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध में शामिल होकर अपनी एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि वह एक किसान की बेटी हैं और उनके परिवार ने भी वह संघर्ष झेला है जो एक किसान रोजमर्रा में करता है।

विनेश फोगाट ने किसानों और मजदूरों के समर्थन में खड़े होने का कारण बताते हुए कहा, “फसलों और नस्लों को बचाने के लिए हम किसान और मजदूर परिवार के साथ खड़े हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों की आवाज सुनी जानी चाहिए और उन्हें उनके अधिकार मिलने चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम इस देश के नागरिक हैं, और अगर कोई मुद्दा उठता है तो उसे सुना जाना चाहिए। हर बात को जाति या धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।”

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विनेश फोगाट ने याद दिलाया कि जब उन्होंने पिछले साल दिल्ली में यौन उत्पीड़न के मामले में पूर्व बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी, तब कई किसानों ने उनके समर्थन में गिरफ्तारी दी थी।

उन्होंने कहा, “इन किसानों का समर्थन कभी नहीं भूल सकती, वे भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह)-हरियाणा, बीकेयू एकता (आज़ाद), बीकेयू (क्रांतिकारी), किसान मजदूर संघर्ष समिति और राजस्थान ग्रामीण किसान संघर्ष समिति से थे। मैं उनके समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद देती हूँ। मैं हमेशा इस देश के किसानों और मजदूरों के साथ खड़ी रहूंगी।”

विनेश फोगाट का सम्मान किसान यूनियन के नेताओं सरवन सिंह पंधेर, अमरजीत सिंह मोहरी, तेजवीर सिंह और सुरजीत सिंह फुल द्वारा किया गया। शुक्रवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने के बाद, उन्होंने खनौरी बॉर्डर का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने किसानों को संबोधित किया।

किसान नेता पंधेर ने कहा, “हम विनेश फोगाट के ओलंपिक प्रदर्शन पर गर्व करते हैं और किसानों के समर्थन में उनका कदम दिखाता है कि वह हमारे मुद्दों को समझती हैं।” उन्होंने सरकार से शंभु और खनौरी बॉर्डर को खोलने की अपील की ताकि किसान दिल्ली की ओर मार्च कर अपनी आवाज बुलंद कर सकें।

किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से शंभु और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।


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