जिन कोल आदिवासियों को पीएम मोदी-सीएम शिवराज वोट के लिए मना रहे, भाजपा के नेता उनके सिर पर पेशाब कर रहे


पीड़ित एक कोल जनजाति का आदिवासी है, इस समाज की वोट के लिए पिछले कुछ महीनों में भाजपा ने इनके इलाकों में कई कार्यक्रम किए हैं।


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। सीधी जिले का एक वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा एक नेता एक कोल जनजाति के आदिवासी पर पेशाब कर रहा है। आरोपी का नाम प्रवेश शुक्ला है और वह स्थानीय भाजपा विधायक का प्रतिनिधि है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद से ही भाजपा पर विपक्ष के हमले तेज़ हो गए हैं और सीएम शिवराज और पीएम नरेंद्र मोदी तक के आदिवासी प्रेम पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में भाजपा ने कई कार्यक्रम किए हैं और खुद को कोल आदिवासियों का हिमायती दिखाने की कोशिश की है। ऐसे में यह वीडियो पार्टी को परेशान कर रहा है।

 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में आरोपी पर एनएसए की कार्रवाई करने के लिए कहा है। सीएम ने कहा है कि किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ा जाएगा।

मामले में आरोपी प्रवेश शुक्ला स्थानीय विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि है, हालांकि विधायक ने उसे अपना प्रतिनिधि बताने से इंकार किया है।

 

हालांकि वीडियो तीन महीने पुराना बताया जा रहा है और बताया जाता है कि यह वीडियो शुक्ला ने खुद नशे की हालत में अपने किसी दोस्त से बनवाया था।

इस वीडियो में नजर आ रहे पीड़ित का नाम पाले कोल है। जो इसी जिले के करोंदी गांव का रहने वाला है। मुख्यमंत्री शिवराज के बयान के बाद पुलिस ने इस मामले में धारा 294, 504 और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने आरोपी भाजपा नेता पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि

आदिवासी समाज के युवक के साथ ऐसी जघन्य और गिरी हुई हरकत का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि मप्र पहले ही आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है। इस घटना ने पूरे मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है, मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि दोषी व्यक्ति को सख्त से सख्त सजा दी जाए और मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को समाप्त किया जाए। 

युवा कांग्रेस के नेता विक्रांत भूरिया ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है। भूरिया ने कहा कि यह शर्मनाक कृत्य आदिवासी समाज के प्रति भाजपा की मानसिकता दिखा रहा है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद आदिवासी समाज की स्थिति और भाजपा नेताओं की दबंगई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस मामले में विधायक केदार शुक्ला ने कहा है कि उनका आरोपी से कोई संबंध नहीं है जबकि आरोपी उनक प्रतिनिधि बताया जा रहा है और इस बारे में कई साक्ष्य दिखाई दे रहे हैं।

विधायक के साथ आरोपी की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तैर रहीं हैं और उसके विधायक प्रतिनिधि बनाए जाने को लेकर भी कई साक्ष्य दिए जा रहे हैं।

इस क्षेत्र में कोल आदिवासियों की अच्छी खासी संख्या है और इनके सहारे भाजपा चुनावों में अपना प्रदर्शन सुधारने की कोशिश करती रही है। पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री शिवराज कई बार यहां इन आदिवासियों के बीच सभाएं कर चुके हैं और अब पीएम मोदी भी दो बार इस आदिवासी बहुल्य इलाके में आ चुके हैं।


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