केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में बयान: NEET-UG परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं होगी


शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ऐसा करना लाखों इमानदार परिक्षार्थियों के साथ ठीक नहीं होगा।


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उनकी बात Published On :

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में NEET-UG परीक्षा को दोबारा कराने से इनकार कर दिया है। सरकार ने कहा कि परीक्षा को रद्द करना “उन लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के हितों को गंभीर रूप से खतरे में डाल देगा” जिन्होंने इस साल परीक्षा दी थी।

शिक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया कि NEET-UG परीक्षा के दौरान “अनियमितताएं, धोखाधड़ी, छद्मवेश और कदाचार” हुए थे। हालांकि, पेपर लीक का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। हलफनामे में यह भी कहा गया कि “देशव्यापी परीक्षा में गोपनीयता के किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन का प्रमाण नहीं होने पर परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा।”

मंत्रालय के हलफनामे में कहा गया है कि “किसी भी परीक्षा में प्रतिस्पर्धी अधिकार उत्पन्न होते हैं, जिससे उन विद्यार्थियों के हितों को भी ध्यान में रखना आवश्यक होता है जिन्होंने परीक्षा में किसी भी अनुचित साधन का उपयोग किए बिना भाग लिया है। पूरी परीक्षा को रद्द करना 2024 में प्रश्नपत्र हल करने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।”

यह पहली बार है कि केंद्र ने सभी 24 लाख उम्मीदवारों के लिए NEET-UG परीक्षा को फिर से आयोजित करने पर अपना रुख स्पष्ट किया है। पिछले महीने हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीदवारों को हुई असुविधा के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली थी, लेकिन परीक्षा दोबारा कराने पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं किया था।

कोर्ट सुप्रीम कोर्ट 5 मई को NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। बिहार सरकार ने शिक्षा मंत्रालय को अपनी जांच रिपोर्ट में “स्पष्ट रूप से पेपर लीक” होने की बात कही है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जांच के दौरान जले हुए प्रश्नपत्र की प्रतिलिपि से 68 प्रश्न (लगभग 200 में से) मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हुए पाए हैं। इसके आधार पर EOU ने निष्कर्ष निकाला कि 5 मई को हुई परीक्षा से पहले ही NEET-UG का पेपर लीक हो गया था।

पुलिस की कार्रवाई

4 मई को झारखंड पुलिस ने बिहार पुलिस को संभावित NEET-UG पेपर लीक की सूचना दी थी। इसके बाद पटना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की लेकिन शुरुआत में संदिग्धों का पता लगाने में कठिनाई हुई। 5 मई को परीक्षा बिहार के 27 केंद्रों पर आयोजित की गई। दोपहर बाद, शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन को राजवंशी नगर के एक घर में कुछ संदिग्धों के होने की सूचना मिली। तीन टीमों ने कार्रवाई की: एक ने घर पर छापा मारा और जला हुआ प्रश्नपत्र पाया, दूसरी टीम ने एक स्थानीय परीक्षा केंद्र पर जाकर एक परीक्षार्थी और उसके पिता को गिरफ्तार किया, और तीसरी टीम ने मुख्य संदिग्ध यादवेंदु की तलाश की।

यादवेंदु से पूछताछ के बाद, पुलिस ने तीन और परीक्षार्थियों और चार ‘सेटरों’ को गिरफ्तार किया, जिसमें नितीश और अमित शामिल थे। सभी 13 आरोपियों के बयान सब-इंस्पेक्टर तेज नारायण सिंह ने 5 मई को दर्ज किए। शिक्षा मंत्रालय के अनुरोध पर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने NEET-UG पेपर लीक के आरोपों की जांच संभाल ली है और बिहार की EOU ने अपने सारे सबूत और केस डायरी CBI को सौंप दी है।


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