भोपाल में बेरोज़गार युवाओं के प्रदर्शन पर सख़्त रही पुलिस, भाजपा विधायक ने भी लिखा सीएम शिवराज को पत्र


संगठन के नेता राधे जाट के मुताबिक प्रशासन ने उन्हें पहले नीलम पार्क में प्रदर्शन करने की इजाजत दी थी लेकिन बाद में यह रद्द कर दी गई और फिर यहां से युवाओं को गिरफ्तार किया जाने लगा।


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भोपाल। सरकारी नौकरियों में भर्ती और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे बेरोज़गार युवाओं ने रविवार को भोपाल में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद सोमवार को भी यह प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि सोमवार को के प्रदर्शन रविवार की तरह नहीं रहे। इन प्रदर्शनों में लोग अलग-अलग स्थानों पर अपनी बात कह रहे थे जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर कर दिया।

इससे पहले रविवार को युवाओं ने सुबह वल्लभ भवन पहुंचकर राष्ट्रगान किया और अपना शांतिपूर्ण विरोध जताया।

युवाओं के द्वारा यह प्रदर्शन नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के नेतृत्व में किया गया था। रविवार को हुए प्रदर्शन से पहले इंदौर से भोपाल तक करीब 200 से अधिक युवाओं ने एक पैदल यात्रा भी की थी जिसे रास्ते में कई जगह खासा सर्मथन मिला था।

भोपाल में 9 अक्टूबर को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को नज़रबंद किया और कई बार इनसे सख्ती करते हुए भी नज़र आए लेकिन ये युवा पुलिस को चकमा देकर अपनी रैली निकालने में सफल हुए।

इस दौरान युवा कांग्रेस के नेताओं ने भी इन युवाओं का साथ देने की कोशिश की और पुलिस ने इन नेताओं को भी हिरासत में ले लिया। इनमें संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भी शामिल रहे।

पुलिस ने इन युवाओं को भोपाल में घुसने से रोका। पुलिस ने इन युवाओं को भदभदा चौराहे और लालघाटी समेत शहर की अन्य सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाकर रोका।

इसके बाद छात्र वहीं सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन के दौरान रविवार दोपहर लालघाटी इलाके में बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने इन छात्रों को हटाना शुरू किया।

इस दौरान युवाओं की एक बड़ी टोली पुलिस को चकमा देकर मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ रही थी। हालांकि इस टोली को पुलिस ने रोक दिया।

संगठन के नेता राधे जाट के मुताबिक प्रशासन ने उन्हें पहले नीलम पार्क में प्रदर्शन करने की इजाजत दी थी, लेकिन बाद में यह रद्द कर दी गई और फिर यहां से युवाओं को गिरफ्तार किया जाने लगा।

जाट ने बताया कि अब संगठन के द्वारा आंदोलन भोपाल में ही जारी रखा जाएगा और यहां से सरकार पर अपनी मांगों के लिए दबाव बनाया जाएगा। प्रदर्शन में पीएससी, शिक्षक भर्ती, पटवारी आदि कई परीक्षाओं और नियुक्तियों का इंतज़ार कर रहे युवा और अभ्यर्थी शामिल थे।

 

इस प्रदर्शन के बाद युवा मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार से खासे नाराज़ हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन को जिस तरह से पुलिस ने दबाया है इस रवैये की भाजपा के विधायक की निंदा कर रहे हैं।

विधायक नारायण त्रिपाठी ने इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है और युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को इस तरह से रोका जाने पर ऐतराज़ जताया है।


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