भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन के मौके पर प्रदेश के युवाओं ने बेरोजगार दिवस मनाया। रविवार के दिन ट्विटर पर 51 हजार पद वृद्धि के लिए हैशटैग ट्रेंड करता रहा। इस दौरान करीब एक लाख से अधिक ट्वीट किए गए। इस तरह मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई लाडली बहना योजना ट्विटर पर ज्यादा सुर्खियां नहीं बटोर सकी बल्कि उनकी आलोचना करने वाले युवाओं के यह ट्वीट्स छाए रहे।
आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं इस बीच एमपी के बेरोजगार युवा भी उन्हें बधाई दे रहे हैं और @ChouhanShivraj को उनका रोजगार देने का वादा याद दिला रहे हैं। इसके लिए उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया है और इस समय #51000_MPTET_VARG_3… pic.twitter.com/ddEhSpbFiX
— Deshgaon (@DeshgaonNews) March 5, 2023
सोशल मीडिया खासकर टि्वटर राजनीतिक संस्थान और व्यक्तियों के लिए अपनी बात रखने का सबसे प्रभावशाली तरीका माना जाता है। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जब अपना जन्मदिन मना रहे थे तू नहीं ट्विटर पर लोग लगातार बधाई दे रहे थे और उनकी तारीफों के पुल बांध रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवराज को सबसे हार्ड वर्किंग सीएम बताया तो उनके दूसरे प्रशंसकों ने उन्हें भाजपा में सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल बताया।
इस बीच में युवा भी थे जो मुख्यमंत्री से नौकरियों की गुहार लगा रहे थे। इनमें बहुत से उनसे नाराज भी थे जो इस बेरोजगारी के लिए शिवराज को ही जिम्मेदार बता रहे थे। जाहिर है युवाओं के एक लाख से अधिक ट्वीट्स ने मुख्यमंत्री को मिलने वाली बधाइयों का स्वाद कुछ फीका कर दिया।
मध्यप्रदेश के युवा लगातार कई दिनों से Twitter पर 👇#51000_MPTET_VARG_3 चला रहे हैं 14 मार्च को भोपाल में आंदोलन भी करने वाले हैं, मध्यप्रदेश सरकार को इनकी मांगों को अतिशीघ्र पूरी करना चाहिए।#मध्यप्रदेश_बेरोजगार_दिवस@Indersinghsjp @OfficeofSSC @schooledump @gireesh_ji pic.twitter.com/7KoAVIsPiT
— National Educated Youth Union (@NEYU4INDIA) March 5, 2023
दरअसल राज्य में एक लाख से अधिक युवा शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा पांच साल पहले पास कर चुके हैं लिखने में अभी तक नौकरी नहीं मिली है। ऐसे में युवाओं ने वर्ग 3 में 51 हजार पद वृद्धि की मांग की थी युवा काफी समय से इसके लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार के मंत्री और सत्तापक्ष के नेताओं ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद इन युवाओं ने डिजिटल विरोध करने का तरीका अपनाया है।
इसके अलावा वर्ग एक और दो में भी पात्र अभ्यर्थियों को पांच साल बाद भी नौकरी नहीं मिली है। यह अभ्यर्थी लगातार आंदोलन करते रहे लेकिन इनकी बात सरकार ने नहीं सुनी।
@CMMadhyaPradesh 🙏
आज आपकी #लाड़ली_बेटी
एवं #लाड़ली_बहना को
एक-एक हजार रुपये नहीं
पदवृद्धि के साथ शिक्षक भर्ती पूर्ण चाहिए#MPTET_2018@schooledump @WelfareTribal#पद_वृद्धि_थर्ड_काउन्सलिंग_2018 के साथ
नियुक्ति-पत्र चाहिए ! 🙏🇮🇳👇🇮🇳 🙏@mpbreakingnews pic.twitter.com/A3lR77EXbK— नवनियुक्त ✍शिक्षक संघ 2023 (@Ranjeet40520643) March 5, 2023
38 लाख बेरोजगार हैं प्रदेश में.
मुख्यमंत्री शिवराज से युवाओं का यह विरोध कोई अचानक नहीं हुआ यह राज्य में लगातार कम हो रहे रोजगार के अवसरों का नतीजा है। जिसके चलते राज्य में लाखों युवा इस समय बेरोजगार हैं। विधानसभा में सरकार द्वारा पेश आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारों की संख्या 38 लाख से अधिक है। यह वह आंकड़ा है जो सरकार के रोजगार पंजीयन कार्यालय में दर्ज है जबकि सच्चाई इससे भी भयानक है।
पहले दस लाख और फिर एक लाख नौकरियां!
पांच वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा का घोषणा पत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ही कहा था कि वे सरकार में आते हैं तो सालाना दस लाख नौकरियां देंगे। हालांकि शिवराज की सरकार चुनावों में जीत नहीं पाने के कारण नहीं बनी लेकिन करीब सवा साल बाद फिर मुख्यमंत्री बने।
दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज ने एक लाख भर्ती की बात कही लेकिन इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की इसका नतीजा यह हुआ कि बीते 4 सालों के दौरान भी कई बार एक लाख भर्ती की बात अलग-अलग मंचों पर विशेषकर ट्विटर पर कहते रहे लेकिन एक लाख भर्तियां विधानसभा के पांच साल बाद अभी पूरी नहीं हुई हैं।
युवाओं के साथ खराब रहा व्यवहार.
युवाओं का रोजगार के लिए आंदोलन बीते साल शुरू हुआ था इंदौर में कई दिनों तक प्रदर्शन के बावजूद शिवराज सरकार ने युवाओं के इस विरोध को अनदेखा किया। इसके बाद इन युवाओं ने इंदौर से भोपाल तक पैदल मार्च किया जहां रास्ते में नहीं काफी समर्थन मिला।
भोपाल पहुंचने पर युवाओं को मुख्यमंत्री से कुछ निर्मली की उम्मीद थी लेकिन यह भी पूरी नहीं हुई। भोपाल में युवाओं पर पुलिस ने खासी सख्ती की। इसके बाद से मुख्यमंत्री के खिलाफ इनका गुस्सा लगातार बना हुआ था। प्रदेश में नौकरी के लिए शुरू हुई परीक्षाएं भी युवाओं के सी विरोध के कारण बताई जाती हैं। हालांकि इसके बावजूद यह कहना गलत नहीं होगा कि बेरोजगार युवा सीएम शिवराज के चुनाव प्रचार में एक नकारात्मक संदेश देंगे।