उमरिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है जिन गरीब जनजातीय लोगों का के बरसों से जमीन पर कब्जे हैं, उनको पट्टा देकर मालिक बनाएंगे। जिनके पास पट्टे की जमीन है, उन्हें फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड आदि का लाभ दिया जाएगा। दरअसल,मुख्यमंत्री उमरिया के प्रवास पर हैं। बांधवगढ़ से डगडउआ जाते समय ग्राम धमोखर में बैगा जनजाति के लोगों से मुख्यमंत्री ने संवाद भी किया। इस दौरान उन्होंने आदिवासियों की समस्याएं भी सुनी।
हमने फैसला किया कि जिन गरीब जनजातीय भाइयों-बहनों के बरसों से जमीन पर कब्जे हैं, उनको पट्टा देकर मालिक बनाएंगे। जिनके पास पट्टे की जमीन है, उन्हें फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड आदि का लाभ दिया जाएगा : मुख्यमंत्री श्री @chouhanshivraj#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/379a5IZm9q
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 25, 2020
यहां जनजातीय गौरव सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं आदिवासियों के साथ शोषण नहीं होने दूंगा।
ग्राम डगडौआ, ज़िला उमरिया में आयोजित जनजातीय गौरव सम्मान समारोह।https://t.co/FvpmSty30h
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) November 25, 2020
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी घोषणा की है कि, मध्यप्रदेश की धरती पर जितने भी वन ग्राम हैं, सब राजस्व ग्राम बनाए जाएंगे और अन्य गांवों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी। केवल एक अंतर रहेगा कि ऐसे ग्रामों में पट्टे की जमीनों को बेचने का अधिकार नहीं रहेगा। सीएम ने कहा कि, जितनी भी वनोपज है यदि वह निर्धारित दरों से सस्ती बिकी तो सरकार खरीदेगी ताकि आपको ठीक राशि मिल सके।
देश-प्रदेश में कुछ लोगों द्वारा जनजातियों के धर्मांतरण का कुचक्र रचा जा रहा है। ऐसा प्रयास करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि लालच, भय, प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों की खैर नहीं है।
हम कानून बना रहे हैं। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। pic.twitter.com/uwpSRCCOA7
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) November 25, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि, ज़मीन और जंगलों पर हमारे गरीब जनजातीय भाई-बहनों का पहला अधिकार है। हमने निर्णय लिया है कि जिनके पास पट्टे की ज़मीन है, उन्हें फसलों का नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाएगा, फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा और अन्य सुविधाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि, मध्यप्रदेश में समरस छात्रावास बनाए जाएंगे। ऐसे छात्रावासों में ट्राइबल बच्चों के साथ अन्य बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही अन्य छात्रावासों में ट्राइबल बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, वनग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था, सड़क, बिजली समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव होता है। हमने निर्णय लिया है कि सभी वनग्रामों को राजस्व ग्राम बना दिया जाएगा। वहाँ पट्टे की ज़मीन बेचने का अधिकार नहीं होगा क्योंकि मैं चाहता हूँ कि हमारे गरीब भाई ज़मीन के मालिक बने रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, देश-प्रदेश में कुछ लोगों द्वारा जनजातियों के धर्मांतरण का कुचक्र रचा जा रहा है। ऐसा प्रयास करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि लालच, भय, प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों की खैर नहीं है। हम कानून बना रहे हैं। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
बता दें कि, शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य के 40 फीसदी जंगल को निजी कम्पनियों को सौपने का निर्णय लिया है।