खंडवा: किल्लौद आदिवासी बालिका छात्रावास में दो छात्राओं की मौत, कलेक्टर से मिलने पर अड़े आक्रोशित जयस कार्यकर्ता


जयस के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के सामने ही अपनी बात रखने की मांग को लेकर धरना भी दिया जिसके बाद कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने छात्राओं और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।


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खंडवा। किल्लौद के आदिवासी बालिका छात्रावास में रहने वाली दो छात्राओं की मौत के बाद सोमवार को जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने आक्रोशित परिवार व छात्राओं के साथ कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग की।

जयस के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के सामने ही अपनी बात रखने की मांग को लेकर धरना भी दिया जिसके बाद कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने छात्राओं और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जानकारी के मुताबिक, गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम में सोमवार को जयस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी दोपहर करीब तीन बजे रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। कार्यकर्ताओं के साथ छात्रावास में पढ़ने वाली बालिकाएं और उनके परिवार के लोग भी शामिल रहे।

कलेक्टर परिसर में पहुंच कर उन्होंने अपनी मांगों के साथ ही नारेबाजी की, जिसके बाद डिप्टी कलेक्टर आए और उन्होंने कहा कि उनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा, लेकिन आक्रोशित कार्यकर्ता केवल जिला कलेक्टर से ही बात करने की मांग पर अड़ गए।

इसके बाद एसडीएम अरविंद चौहान, अपर कलेक्टर एसएल सिंघाड़े भी पहुंचे, तब भी प्रदर्शन कर रहे इन आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने उनसे बात करने से मना कर दिया।

आक्रोशित कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे कलेक्टर से मिलने आए हैं और उनसे मिले बिना नहीं जाएंगे। अपनी मांगों को उनके सामने ही रखेंगे। इसके बाद कार्यकर्ता और छात्राएं कलेक्टर परिसर में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कलेक्टर नहीं तो ज्ञापन नहीं के नारे लगाए।

इसकी जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर अनूप कुमार सिंह उनसे मिलने आए, जिसके बाद जयस के पदाधिकारियों ने उन्हे अपनी मांगों से अवगत कराया।

जयस के जिलाध्यक्ष पीयूष मोजले ने आरोप लगाया है कि छात्रावास में अव्यवस्था की वजह से ही दोनों छात्राओं की मौत हुई है। छात्रावास में बालिकाओं का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बालिकाओं को जमीन पर सुलाया जाता है। खाने और पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इस लापरवाही को लेकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।

इस दौरान एक छात्रा के साथ आए परिवार के लोगों ने कहा कि पटाजन में भी बालिका छात्रावास है। वहां भी छात्राओं के साथ भेदभाव किया जाता है। इस बात का विरोध करने पर वार्डन के पति द्वारा परिवार के लोगों के साथ अभद्रता की जाती है।

कार्यकर्ताओं व परिजनों ने मांग की है कि बालिकाओं की मृत्यु पर स्वजन को और बीमार छात्राओं को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। छात्रावास में पलंग, गद्दे, रजाई की व्यवस्था की जाए। हर माह छात्राओं का हेल्थ चेकअप हो। उन्होंने कुल नौ मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है।

 


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