आंदोलन के बीच भी जारी हैं किसानों की आत्महत्या, MP के दमोह में 48 घंटे में दो किसानों ने लगाई फांसी


तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बलवाड़ा गांव में दो दिनों में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। दोनों ही किसान कर्ज़, फसल खराबी, सूखा और बिजली विभाग से परेशान थे। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2019 में 541 किसानों ने आत्महत्या की थी। इस साल देश में किसान आत्महत्या के कुल मामले 10281 थे। इससे पहले साल 2018 में राज्य के 655 किसानों ने और 2017 में 955 किसानों ने आत्महत्या की थी।  


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उनकी बात Updated On :
प्रतीकात्मक चित्र


भोपाल। दिल्ली में जहां एक और किसान आंदोलन चल रहा है तो वहीं मध्य प्रदेश के दमोह से किसानों की मौत की खबरें आ रहीं हैं। यहां तेंदूखेड़ा तहसील के एक ही गांव में दो दिन में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली है। दोनों मामलों में वजहें भी तकरीबन एक सी हैं कर्ज़ और पानी की कमी और बिजली विभाग। ये वजहें इस इलाके में खेती की दुश्वारियों को बताती हैं।

नईदुनिया अखबार के मुताबिक तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बलवाड़ा गांव में शनिवार को 48 साल के खिलान आदिवासी नाम के किसान का शव पेड़ से लटका मिला। उनके परिजनों ने बताया कि खिलान बुधवार को अपने घर से पैसों का इंतजाम करने के लिए निकले थे लेकिन फिर लौटकर नहीं आए।

शनिवार को खिलान का शव एक नाले के किनारे एक पेड़ से लटका हुआ मिला। पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों ने मुख्य मार्ग पर ट्रैक्टर ट्रॉली को रोककर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान वहां तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी पहुंच गईं परिजनों को समझाईश देकर ऐसा ना करने की अपील की।

शनिवार को किसान का शव लेकर लौट रहे परिजनों ने विरोध में रोक दी सड़क

किसान की पत्नी प्रेम रानी के मुताबिक उनकी पांच एकड़ जमीन है जिसमें उनके पति ने गेहूं की फसल लगाई थी। क्षेत्र में पानी की समस्या है और उनके पास सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बिजली कंपनी से कनेक्शन भी लिया था लेकिन वोल्टेज सही ना होने के कारण सिंचाई नहीं हो पा रही थी।

इससे पहले बुवाई के समय कुछ लोगों से कर्ज लिया था और अब वह कर्ज चुकाना था लेकिन फसल खराब हो चुकी थी और कोई दूसरा इंतजाम था नहीं। इसे लेकर उनके पति परेशान थे। इस मामले में पुलिस मैं जांच शुरू कर दी है

इससे पहले शुक्रवार को इसी इलाके के किसान रूपलाल अहिरवार ने आम के पेड़ में फांसी का फंदा बांधकर आत्महत्या कर ली थी। शुक्रवार को दमोह कलेक्टर तरुण राठी धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण करने आए थे।

किसान रूप लाल अहिरवार की पत्नी के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड का 96 हज़ार रुपए का कर्ज़ था। जिसके बाद उन्हें शनिवार को कोर्ट परिसर में पेश होने का नोटिस भेजा गया था लेकिन पेशी से पहले ही किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

रिपोर्ट के मुताबिक मृतक किसान के बेटे राहुल ने बताया कि उनके पास ढाई एकड़ जमीन है जिसमें 15 क्विंटल धान की उपज हुई थी। इसके लिए उन पर कुछ कर्ज  भी बाकी था। राहुल ने बताया कि पानी की कमी के कारण उनकी फसल सूखी भी और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कनेक्शन ना लेने पर पाइपलाइन भी काट दी। किसान पर साहूकारों का भी कर्ज था जो करीब तीन लाख रु तक पहुंच चुका था।

2019 तक तीन साल में 2151 किसानों ने की थी आत्महत्या

मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले काफी बढ़ चुके हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2019 में 541 किसानों ने आत्महत्या की थी। इस साल देश में 10281 किसानों ने आत्महत्या की थी। इससे पहले 2018 में मध्यप्रदेश में 655 किसानों ने और 2017 में 955 किसानों ने आत्महत्या की थी। इस वर्ष भी अब तक कई किसानों ने आत्महत्या की है।

 



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