भोपाल। केंद्र में जलशक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल के संसदीय क्षेत्र दमोह जिले में दूषित पानी पीने से दो लोगों की मौत हो गी और करीब दस से अधिक बीमार अस्पताल में भर्ती हैं।
घटना दमोह जिले के खंचारी पटी गांव की है। जहां एक कुएं का पानी दूषित था और लोग इसे पीते रहे। इसके बाद गांव में करीब 40 से अधिक लोगों को उल्टी-दस्त हो गए जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में ही दो लोगों की मौत हो गई। मरने वाले में पहले एक बुजुर्ग थे और दूसरी एक महिला। दमोह जिला अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि लोगों के बीमार होने की वजह दूषित पानी ही है।
डॉक्टरों के मुताबिक बरसात के कारण संभवतः वहां पानी और भी प्रदूषित हो गया था। गांव में बुधवार को ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी दौरा किया। यहां और भी कई लोग बीमार मिले। इन सभी को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
इनमें से करीब छह लोगों की तबियत ज्यादा खराब बताई जा रही है। पीड़ितों ने बताया कि सुबह से ही गांव में पानी पीकर लोग बीमार हो रहे थे। इससे पहले इलाके में तेज़ बारिश भी हुई थी।
मध्यप्रदेश के दमोह में दूषित पानी पीने से दो लोगों की मौत हो गई, दर्जन भर से ज्यादा बीमार हैं. ये केंद्र सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल का संसदीय क्षेत्र है. pic.twitter.com/24lKBmbdQf
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 28, 2022
एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक उप जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सचिन मलैया ने भी गांव में दूषित पानी को ही इसकी वजह बताया है। उनके मुताबिक बीमार हुए लोगों के आसपास के पीने के लिए सही पानी नहीं था। ऐसे में वे कुएं का ही पानी पीते रहे।
गीता नाम की एक बीमार महिला भी ने भी पानी को अपनी बीमारी की वजह बताया। उन्होंने कहा कि गांव के लोग यही पानी पीते हैं और बुधवार को पीने के बाद से ही सब एक साथ बीमार हो पड़ गए।
इस घटना के बाद नलजल योजना के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं राज्य में पेयजल की स्थिति भी सवालों के घेरे में हैं। जलशक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश 52 में से 43 जिलों के पानी में फ्लोराइड की मौजूदगी पाई गई है और 16 ज़िलों में ये खतरनाक स्तर पर है।
खुद मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि जीवनदायिनी नर्मदा का पानी कई जगहों पर डी ग्रेड में पहुंच चुका है। सीजीडब्लूबी के आंकड़े कहते हैं कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक नाइट्रेट प्रदूषित राज्यों में शुमार है जहां कृषि क्षेत्र में करीब 70 फीसदी रसायनों का इस्तेमाल होता है।
(इनपुटः साभार एनडीटीवी)