किन्नरों का राष्ट्रीय सम्मेलन: सरकारी वादा खिलाफी से नाराजगी, कल्याण के लिए आयोग बनाने की मांग


देशभर के 800 से अधिक किन्नर प्रतिनिधि जुटे हैं नरसिंहपुर में, समाज के हालातों पर हो रही चर्चा


ब्रजेश शर्मा
उनकी बात Updated On :

सरकारें वादा खिलाफी करती हैं, चाहे वह मध्य प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की। उन्हें मालूम है कि किन्नर समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है उसमें भी काफी कुछ पढ़े-लिखे लोग हैं। जिसमें से कोई जज बन रहा है, कोई वकील बन रहा है तो कोई शिक्षक। हमें सरकार से सिर्फ धोखा, छल कपट और वायदा खिलाफी मिली है। हम किन्नरों के कल्याण के लिए आयोग या बोर्ड बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।

यह बात जबलपुर की पूर्व पार्षद एवं किन्नर समाज की एक पंच हीरा नायक ने “देशगांव” से चर्चा करते हुए कही। यहां नरसिंहपुर में 4 अक्टूबर से किन्नर समाज का अखिल भारतीय सम्मेलन हो रहा है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के कई हिस्सों से किन्नर समाज की प्रतिनिधि पहुंचे हैं।

हैदराबाद ,कोलकाता, कन्नौज रायपुर, मद्रास , प्रयाग, कानपुर , नई दिल्ली , गुड़गांव, जयपुर, समेत कई बड़े शहरों, क्षेत्रों के 800 से ज्यादा किन्नरों ने यहां पहुंचकर सम्मेलन में समुदाय के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा में रायशुमारी कर अपनी बातें साझा की।
किन्नरों के लिए यह सम्मेलन उनके पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम है।

इस मौके पर किन्नर समाज के पंच हीरा नायक से बातचीत की गई। उनसे पूछा गया कि जब सरकार ने ओबीसी फिर महिलाओं को आरक्षण दिया है तो क्या आप अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं। उस स्थिति में जब न्यायालय ने भी उनके जेंडर को मान्यता दी है।

इस सवाल के जवाब में किन्नर हीरा नायक ने कहा कि उनके साथ सरकारें हमेशा धोखा करती आई हैं। हमारी मांग है कि जब विभिन्न जाति या वर्ग के कल्याण के लिए कई बोर्ड या आयोग गठित हुए हैं तो हम किन्नरों के लिए भी अयोग या बोर्ड का गठन किया जाए।

इस आयोग में हम समाज के लोग ही अध्यक्ष बने और यह तय कर सके कि हमारी समस्या का निदान किस तरह किया जा सकता है। पंच हीरा बाई को यह मलाल है कि नेता, राजनीति गुंडे और बदमाशों की है, शरीफों को वह आने नहीं देते इसलिए उनकी बात सुनी नहीं जा रही है।

जबलपुर में एक वार्ड से 2001 से 2005 तक पार्षद रहीं हीरा का कहना है कि सदन मे उनकी मांग रही है कि उन किन्नरों के लिए आवास के लिए जगह सुनिश्चित कर दी जाए, वह भी उपलब्ध नहीं कराई गई।

हीरा का कहना है कि हम किन्नर समाज भारत के अर्धनारीश्वर हैं। समाज में बहुत कुछ लोग पढ़े लिखे हैं तो बहुत से बिलकुल नहीं। समाज के प्रतिभाशाली लोग महामंडलेश्वर बन गए, जूना अखाड़े से जुड़ गए। समाज के लिए दुआ करते हैं पर उनकी तरफ सरकार ध्यान नहीं देती जबकि समाज का हमेशा उनके साथ सहयोग रहा है।
सम्मेलन में किन्नरों के पंच अपने समुदाय के लिए नीतिगत बातें भी कर रहे हैं। नाच, गाना, बजाना भी हो रहा है।

किन्नरों की जरूरत की पूर्ति के लिए यहां बाहर से आए व्यापारियों का एक छोटा बाजार भी आकर्षण का केंद्र है। बुधवार 11 अक्टूबर को कलश यात्रा भी निकलेंगे।


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