सूखे से परेशान किसानों पर अब मंडी व्यापारियों की मार, प्रदेशभर की मंडियों में जारी है बेमियादी हड़ताल


मांगों को लेकर व्यापारियों ने की मंडी की अनिश्चितकालीन हड़ताल किसान उपज लेकर मण्डी ना आएं


आशीष यादव
उनकी बात Updated On :
हड़ताल के कारण बंद रही धार जिले की मंडी


चुनावी साल होने के कारण संगठन अपनी मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल पर उतर आए हैं।  इसी क्रम में प्रदेश भर की मंडियां हड़ताल पर हैं जिससे किसानों को उपज बेचने में परेशानी आ रही है जहां बारिश न होने से परेशान किसान इस नई परेशानी का सामना कर रहे हैं।

प्रदेश भर की 230 मंडियां 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन बंद हैं। दरअसल मंडी व्यापारी अनाज की खरीदी नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग है कि मंडी फीस डेढ़ प्रतिशत की बजाय एक प्रतिशत की जाए। इन व्यापारियों की निराश्रित शुल्क खत्म करने समेत कुल 11 मांगें हैं।

मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आह्वान पर प्रदेशभर के व्यापारी खरीदी बंद की गई है। धार मंडी में व्यापारी जितेंद अग्रवाल ने बताया   अभी सरकार मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत ले रही है, जिसे 1 प्रतिशत करने की मांग लंबे समय से की जा रही है।

दूसरी ओर, निराश्रित शुल्क समाप्त करने की मांग भी है। यह करीब 50 साल अनावश्यक रूप से लिया जा रहा है। इसका क्या उपयोग हो रहा, यह जानकारी भी नहीं दी जाती। इनके समेत 11 मांगें हैं, जिन्हें लेकर सोमवार से अनाज की खरीदी बंद कर दी गई है। ऐसे में व्यापारी हड़ताल पर रहेंगे। इसके साथ ही इनसे जुड़े हम्माल – तुलावटी भी काम नहीं कर पाएंगे।

इन मांगों को लेकर बंद रखेंगे कारोबार

  • मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए। कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर न्यूनतम दरें रखी जाए।
  • मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए। निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
  • मंडी अधिनियम की धारा 19 (2), धारा 19 (8), धारा 46 (ड) एवं धारा 46 (च) में संशोधन -2 विलोपन किया जाए।
  • लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।
  • वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
  • मंडी समितियों को धारा 17 (2) (14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
  • लेखा सत्यापन / पुनः लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए।
  • कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए।
  • धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।

6 हजार अधिक हो रही आवक
वहीं अभी मंडी में सोयाबीन गेहूं अन्य फसलों को लेकर धीमे व्यापार को देखते हुए अभी उपज कम आ रही है  लेकिन अभी भी 6 से अधिक उपज किसान मंडी में लेकर आ रहे हैं। मण्डी सचीव किशोर नरगावे ने बताया की हर दिन मण्डी में सोयाबीन, गेहूं, मक्का रायडा, चना, बटला, मेथी, मसुर, सहित अन्य उपज की खरीदी व्यापारियों द्वारा की जाती है। मंडी में सबसे अधिक सोयाबीन व गेंहू किसानों आते है आसपास गांव के हजारों किसान धार आते है। मंडी में औसतन प्रतिदिन 6 हजार से अधिक बोरियां उपज की खरीदी जाती है।

एम.पी. फार्म गेट एप के माध्यम से खरीदी:  हड़ताल के चलते मंडी खरीदी के लिए 5 सितम्बर से आगामी सूचना तक किसानों को अपनी उपज मंडी में न लाने के लिए कहा गया है।  एम.पी. फार्म गेट एप के माध्यम से ऑनलाईन सौदा पत्रक की वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत किसान भाई अपनी कृषि उपज पंजीकृत फर्मों को विक्रय कर सकते हैं। हड़ताल को लेकर अनाज दलहन तिलहन व्यापार विकास समिति धार द्वारा अनिश्चित कालीन मंडी बंद रखने की सूचना इस मंडी को गई है।

व्यापारी द्वारा मंडी टैक्स कम करने को लेकर हड़ताल की गई। सरकार को व्यापारी की ओर भी ध्यान देना चाहिए वही अभी डेढ़ प्रतिशत टैक्स ले रही है उसे 1 प्रतिशत किया जाए लिया। वह लाइसेंस फीस कम की जाए वही गोदामो का भी रिन्यूवल किया। लेखा सत्यापन होने के बाद पूर्ण लेखा सत्यापन नहीं किया जाए जैसी अन्य मांगों व्यापारियों की है।

अंनत अग्रवाल व्यापारी सचिव मंडी धार


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