जेल में कैद रहकर भी कानून की पढ़ाई, परीक्षा दे रहा ये युवा कैदी


जेल में रहते हुए भी राजाराम ने पढ़ाई का जज्बा नहीं छोड़ा और अब तक लॉ के चार-पांच पर्चे दे चुका है। वह जेल में नियमित रूप से कई घंटे पढ़ता है ताकि कानून की बेहतर समझ प्राप्त कर सके और डिग्री ले सके। 


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उनकी बात Updated On :

रिपोर्ट: पवन कौरव

 

डॉक्टर आंबेडकर ने सही कहा है कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो जितना पिएगा, उसे अन्याय के खिलाफ़ लड़ने की उतनी ताकत मिलेगी।

आज हम आपको एक प्रेरक कहानी नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के समीप उमरिया के राजाराम की बता रहे हैं। राजाराम, जो पिछले एक महीने से आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद है। उसने पीजी कॉलेज नरसिंहपुर में कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था।

जेल में रहते हुए भी राजाराम ने पढ़ाई का जज्बा नहीं छोड़ा और अब तक लॉ के चार-पांच पर्चे दे चुका है। वह जेल में नियमित रूप से कई घंटे पढ़ता है ताकि कानून की बेहतर समझ प्राप्त कर सके और डिग्री ले सके।

मानव अधिकार के तहत शिक्षा का अधिकार राजाराम के लिए एक प्रेरक कारक बन गया है। वह उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं या किसी कारणवश शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते। जेल का स्टाफ भी राजाराम के इस प्रयास में पूरा सहयोग दे रहा है और उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रहा है।

राजाराम की कहानी यह बताने के लिए काफी है कि शिक्षा हमारे लिए कितनी जरूरी है। उसने कई लोगों को प्रेरणा दी है जो कभी शिक्षा से दूर हो गए हैं या जीवन की मुश्किलों के कारण पढ़ाई नहीं कर पाए।



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