भोपाल। चुनाव से पहले सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए तमाम प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक अपनी मांगें मंगवाने के लिए सरकार के सामने प्रदर्शन करते रहे तमाम संगठनों को अब उम्मीद जागी है।
सरकार भी अब कर्मचारियों को खुश करने के लिए सक्रिय दिखाई दे रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोजगार सहायकों की मांगें मानकर उनका वेतन दोगुना कर दिया था।
यह घोषणा उनके लिए उम्मीद से ज्यादा साबित हुई। इसके बाद से ही संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सक्रिय हैं और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बार उनकी मांगें मान लेंगे।
रविवार को संविदा कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस बारे में बात की। जानकारी के मुताबिक इस दौरान संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए चर्चा हुई।
इस दौरान सामान्य वर्ग आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे और कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने कर्मचारियों की ओर से बात की।
इस दौरान संविदा कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कर्मचारियों की परेशानियां मुख्यमंत्री को बताईं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी लगातार अपने नियमितिकरण और सहित कई दूसरी मांगें करते रहे हैं जो अब तक अधूरी हैं।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारी नेताओं को जल्द ही उनके लिए कोई सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। कर्मचारी नेताओं के मुताबिक उनकी इकलौती मांग सभी कर्मचारियों का नियमितीकरण ही है।
इसके अलावा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी स्वास्थ्य बीमा आदि देने की भी मांग मुख्यमंत्री से की गई है। इसके अलावा तमाम नियमित कर्मचारियों की तरह भत्ते और अवकाश देने की मांग भी संविदा कर्मचारियों की ओर से की गई है।
जानकारी की मानें तो कर्मचारी प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री ने जल्द संविदा महापंचायत बुलाने के लिए कहा है। यह आयोजन अगले दो हफ्तों में किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की संख्या करीब एक लाख से अधिक बताई जाती है और ऐसे में यह कर्मचारी किसी भी दल के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। संविदा कर्मचारियों के लिए अब तक खुद भाजपा सरकार ने कई घोषणाएं कीं हैं लेकिन अब तक उन्हें पूरा नहीं किया गया है।
खुद चौहान ने संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की बात कही थी लेकिन दोबारा इस पर बात नहीं की इसके अलावा उनकी ही सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित के 90 प्रतिशत वेतन देने की बात भी कही थी, लेकिन यह भी कभी पूरी तरह लागू नहीं किया गया। अब तक कई विभागों के कर्मचारी इसे लेकर परेशान हैं।
रविवार को संविदा सेवा प्रतिनिधियों की बैठक के बाद भी कई कर्मचारी बहुत सकारात्मक नहीं दिखाई दे रहे हैं। इन कर्मचारियों के मुताबिक संविदा कर्मचारियों को सीएम कई बार आश्वासन दे चुके हैं लेकिन पूरा कभी नहीं किया है।
बीते कुछ समय में ही कई बार संविदा कर्मचारियों के नेताओं ने अपने साथियों को कई बार उम्मीद दी है लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोई सकारात्मक खबर नहीं मिली है।