भोपाल। शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 पास कर नौकरी का इंतज़ार कर रहे अभ्यर्थी 23 दिनों से शिक्षा विभाग के दफ्तर के सामने धरना दे रहे हैं। इनमें महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर बैठने को मजबूर हैं। इनके साथ ही कई अभ्यर्थी बीते दस दिनों से भूख हड़ताल कर रही हैं।
इन दोनों महिलाओं की तबियत अब तक कई बार बिगड़ चुकी है लेकिन इनसे मिलने के लिए शिक्षा विभाग या सरकार का अब तक एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा है। यही नहीं इनमें से रचना व्यास के ससुर की मौत तक हो गई, लेकिन वे तीन दिन में दोबारा यहां लौट आईं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार का रवैया निराश करने वाला है। इनका कहना है कि उनका संघर्ष देख कर कई लोगों का मन पसीज जाता है, लेकिन विभाग और सरकार के पत्थर दिल लोग और उनकी सत्ता लोलुपता महिलाओं के कष्टों को समझने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।
भोपाल में ये अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर हैं, इन्हें नौकरी चाहिए, नौकरी जो पांच साल के दौरान मिल जानी चाहिए थी लेकिन नहीं दी। सीएम @ChouhanShivraj ने कई आश्वासन दिए लेकिन फिर कभी पलट के नहीं देखा। विरोध करते हुए भी ये डरे हुए हैं कि कहीं सरकार इसी बहाने नौकरी से इंकार न कर दे। pic.twitter.com/f1QDNXTFTZ
— Aditya Singh (@aditya_prataps) May 31, 2023
इन अभ्यर्थी महिलाओं ने कहा है कि सरकार की उदासीनता कहीं लाड़ली बहनों पर भारी न पड़ जाए। सरकार और विभाग को समय रहते उचित निर्णय करना चाहिए शीघ्र रोस्टर जारी करते हुए लाडली बहनों के साथ न्याय करना चाहिए। इसके अलावा भारतीय ईडब्ल्यूएस संघ के अध्यक्ष धीरज तिवारी ने शासन- प्रशासन से शीघ्र समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है।
10वें दिन भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी रक्षा जैन,अजय लखेरा, दीपक शर्मा के साथ सक्रिय सदस्य में संगीता सिंह, धर्मेंद्र बघेल,ऋषभ गुप्ता,उदय चौहान, जुलेखा अंसारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि यह अभ्यर्थी बीते करीब चार वर्षों से लगातार नौकरी की मांग कर रहे हैं और कई बार इसे लेकर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री तक से मिलते रहे हैं। कुछ महीनों पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से भी इन्होंने अपील की थी जहां से इन्हें आश्वासन दिया गया था, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ।