संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल 7वें दिन भी जारी, संघ ने भाजपा जिलाध्‍यक्ष को सौंपा ज्ञापन


स्‍वास्‍थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। संविदा डॉक्टर, एएनएम, स्टॉफ नर्स, आयुष मेडिकल ऑफिसर सहित जिले के 1200 से अधिक स्‍वास्‍थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।


DeshGaon
उनकी बात Published On :
contract health workers strike

धार। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की अनिश्चित हड़ताल 7वें दिन भी जारी रही। जिले के समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी टेंट लगाकर जिला अस्‍पताल परिसर में बैठकर सरकार खिलाफ लगातार नारेबाजी की।

दोपहर के समय स्‍वास्‍थ्य कर्मचारियों ने अस्‍पताल से रैली निकाली जो भाजपा कार्यालय पहुंचीं, जहां भाजपा जिला अध्‍यक्ष को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया।

स्‍वास्‍थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। संविदा डॉक्टर, एएनएम, स्टॉफ नर्स, आयुष मेडिकल ऑफिसर सहित जिले के 1200 से अधिक स्‍वास्‍थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

नारेबाजी कर निकाली रैली –

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कर्मचारी दोपहर के समय धरनास्‍थल से नारेबाजी करते हुए रैली निकालकर भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां भाजपा जिलाध्‍यक्ष राजीव यादव को अपनी समस्‍याओं के अवगत कराते हुए अपनी बात मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी और धार जिले में करीब 1200 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। संघ के स्‍वास्‍थय कर्मचारी संविदा नीति 2018 लागू करने एवं निष्‍कासित आउटसोर्स कर्मचारियों की वापसी, मध्‍यप्रदेश के राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्य मिशन के संविदा स्‍वास्थ्य कर्मचारियों को भी अन्‍य राज्‍यों के भाति नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस हड़ताल का सीधा असर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर देखने को मिला है। ओपीडी से लेकर सरकारी योजनाओं के भुगतान, लैब रिपोर्ट पर इस हड़ताल का साफ असर दिख रहा है।

जिलेभर में 1200 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर –

प्रदेश में 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी और धार जिले में करीब 1200 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जिसमें संविदा डॉक्टर, एएनएम, स्टाफ नर्स, आयुष मेडिकल ऑफिसर, लेब टैक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, अकाउंटेंट, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, डीपीएम, डीसीएम, बीसीएम, फार्मासिस्ट हैं। ये सभी हड़ताल पर चले गए हैं जिससे जिले में कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।


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