शिवराज सरकार के खिलाफ़ अब सरपंचों का प्रदर्शन


मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाने, ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया बंद करने जैसी हैं कई मांगें


DeshGaon
उनकी बात Published On :

भोपाल। प्रदेश सरकार से ग्राम पंचायत सरपंच भी नाराज़ हैं। मंगलवार को इन प्रदेशभर से आए कई सरपंचों ने भोपाल में प्रदर्शन किया। ये सरपंच भाजपा सरकार की नीतियों से नाराज़ थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ग्रामीण इकाई को कमज़ोर कर रही है। इन नवनिर्वाचित सरपंचों ने कहा कि वे भाजपा की विकास यात्रा का विरोध करेंगे।

राष्ट्रीय सरपंच संघ के नेतृत्व में “ग्राम सरकार बचाओ अभियान” के तहत प्रदेश भर से पंचायत पदाधिकारी भोपाल के गांधी भवन में जुटे। इन सभी पदाधिकारियों ने 13 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखी हैं और इन्हें हल करने के लिए चौबीस घंटे का समय दिया है और चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे कामबंद हड़ताल करेंगे और भाजपा तथा प्रदेश सरकार की विकास यात्रा को गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे। सरकार की यह विकास यात्रा पांच फरवरी से निकलने वाली है।

इन पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीन लिए हैं जो ग्रामीण इकाई की परिकल्पना को कमजोर करता है। सरपंचों का कहना है कि उन्हें काम करने के लिए तमाम तरह के सॉफ्टवेयर तो बना दिए गए हैं लेकिन इसके लिए इंटरनेट नहीं दिया। इसी तरह मनरेगा के तहत ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने में मुश्किल होती है। सरपंचों का कहना है कि उनके खिलाफ फर्जी शिकायतें की जाती हैं और ज्यादातर बार शिकायतकर्ता उन्हें एक तरह से ब्लैकमेल करते हैं। ऐसे में इन शिकायतों को खत्म करने के लिए एक बेहतर व्यवस्था तय की जाए।

 

सरपंचों की प्रमुख मांगें

1. NMMS को बंद किया जाए। इंटरनेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति में मजदूरों को दिक्कत आती है।
2. मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाया जाए।
3. मजदूरों को कार्य के मूल्यांकन की मात्रा के अनुसार भुगतान का अधिकार ग्राम पंचायत को मिले।
4. मनरेगा योजना सामुदायिक कार्यों की सीमा ग्रामसभा को तय करने का अधिकार वापस दिया जाए।
5. सामग्री भुगतान मजदूरों के साथ ही किया जाए। सामग्री का भुगतान FIFO आधार पर होना चाहिए।
6. 181 शिकायत का निराकरण संबंधी अधिकार सरपंच, सचिव और शिकायतकर्ता की उपस्थिति में पंचायत भवन में निपटारा किया जाए।
7. 7 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी उसको पूरा किया जाए।
8. 1 लाख स्वविवेक निधि प्रतिवर्ष सरपंच को दी जाए। इस व्यय ग्राम सभा के अनुमोदन पर किया जाए।


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