इंदौर। संयुक्त किसान मोर्चे ने मंगलवार दिनांक 4 अक्टूबर 2022 को देशभर से अपने जुड़े संगठनों से आह्वान किया था कि लखीमपुर खीरी की घटना के एक साल पूरे होने पर पूरे देश के जिला मुख्यालयों और तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए जाएं।
उसी के तहत इंदौर में भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठनों किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान मजदूर सेना, अखिल भारतीय किसान सभा अजय भवन सहित विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने संभागायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से रामस्वरूप मंत्री, अरुण चौहान, बबलू जाधव, रूद्रपाल यादव, केसर सिंह नायक, लाखन सिंह डाबी आदि शरीक थे।
गौरतलब है कि पिछली 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र टेनी ने लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी थी और किसानों को रौंद दिया था जिसमें 4 किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी।
इस घटना से पूरे देश के किसान संगठनों में आक्रोश था और उन्होंने मृतकों को मुआवजा देने गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने और दोषी गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र टेनी पर सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी, लेकिन मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।
इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशभर में प्रदर्शन और ज्ञापन दिए, जिसके तहत इंदौर में ज्ञापन दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि
आज लखीमपुर के उन पांच किसानों की सुनियोजित हत्या को एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला। मजबूरन आज देश भर में किसान और इस घटना से आहत अन्य तमाम वर्गों के न्यायपसंद लोग काली पट्टी बांधकर, शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए, केन्द्र सरकार का पुतला फूंकते हुए आपकी सरकार के किसानों के प्रति इस शत्रुतापूर्ण रवैये के विरोध में अपना रोष जाहिर कर रहे हैं। साथ ही एक बार फिर लखीमपुर के शहीद किसानों के लिए न्याय की मांग दोहराते हैं :
- लखीमपुर हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी को केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के पद से बर्खास्त किया जाए और उसको तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
- 3 अक्टूबर की घटना के संबंध में हमने जो शिकायत, एफआईआर संख्या 219/21 दर्ज कराई थी, उसके विभिन्न पहलुओं पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अजय मिश्र टेनी ही वे दोषी है जिनके आपत्तिजनक बयान की वजह से किसानों ने 3 अक्टूबर को तिकोनिया में विरोध दर्ज किया था। आपकी सरकार द्वारा अजय मिश्र टेनी को बचाने के प्रयास जारी है और सबसे ज्यादा शर्मनाक उनका आज तक केन्द्रीय मंत्री बने रहना है। आपसे आग्रह है कि अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करते हुए लखीमपुर हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता के दोष में जेल भेजें।
- जेल में बंद किसानों की तत्काल रिहाई और फर्जी केसों की वापसी। 4 अक्टूबर, 2022 को हमारे शहीद हुए 5 साथियों के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस कमिश्नर लखनऊ निरंजन कुमार, वरिष्ठ आईजी पुलिस लक्ष्मी सिंह, तत्कालीन डीएम, एसएसपी से हमारे नेताओं की जो बातचीत हुई थी कि हमलावरों की ओर से किसानों के खिलाफ लगाए जा रहे हत्या के आरोपों के संदर्भ में पुलिस प्रशासन इसे घटना को गंभीर व एकाएक उकसावे से पैदा हुई कार्रवाई समझकर किसानों को गिरफ्तार नहीं करेगी और जिन किसानों का नाम हमलावरों ने हत्या करने में लिखवाया है, उन्हें धारा 304 ए के तहत आरोपी बनाकर उन्हें तुरंत जमानत दे देगी। आश्वासनों के विपरीत हमारे चार साथियों को धारा 302 आईपीसी के तहत आज तक जेल में डाला हुआ है और इन्हें जमानत न मिल सके, इसके लिए सरकारी वकील लगातार कोर्ट में पैरवी करते हैं। हमारा आपसे आग्रह है इन चार साथियों के ऊपर लगाए गएआरोपों की सही विवेचना कर उन्हें शीघ्र जमानत दिलाने और दोषमुक्त करें।
- शहीद किसानों और घायलों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी का वायदा पूरा करें।
- साथ ही इस ज्ञापन के माध्यम से हम मध्यप्रदेश के किसानों को अपनी उपज का मूल्य नहीं मिलने और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा घोषित भावांतर की राशि का तथा किसानों की उपज खरीद कर फरार हुए व्यापारी के बकाया पौने तीन करोड़ रुपये के भुगतान के मुद्दे की ओर भी आपका ध्यान दिलाना चाहते हैं तथा उम्मीद करते हैं कि आप इंदौर सहित मध्यप्रदेश के किसानों की उक्त समस्याओं को भी हल करेंगे।