नौकरी के लिए… MPPSC के दफ्तर पर बेरोजगारों का प्रदर्शन, आयोग को बता रहे उनकी गलतियां, दे रहे सुझाव


ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी लड़ाई जारी है और हालही में पीएससी द्वारा जारी रिजल्ट के बाद स्थिति पेचीदा हो गई है। ऐसे में अभ्यर्थी ज़्यादा परेशान हैं।


DeshGaon
उनकी बात Published On :

इंदौर। भर्ती सत्याग्रह के बाद अब भी बेरोजगार युवाओं का गुस्सा रह-रहकर फूट रहा है। सोशल मीडिया पर तकरीबन रोज ही नजर आ रहा  गुस्सा अब परीक्षा एजेंसियों के मुख्यालयों पर दस्तक दे रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षित बेरोजगार संघ के बैनर तले छात्र और अभ्यर्थियों ने गुरुवार को फिर इंदौर में प्रदर्शन किया। ये अभ्यर्थी  मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्यालय पर पहुंचे और अपना विरोध जताया। इस दौरान मौके पर पुलिस भी मौजूद रही जिन्होंने प्रदर्शन करने वाले युवाओं को अंदर जाने से रोका। यहां एमपीपीएससी के एक कर्मचारी ने बाहर आकर इन छात्रों से ज्ञापन ले लिया। हालांकि इस दौरान नारेबाजी भी सुनाई दी।

प्रदेश की सबसे अहम रोज़गार संस्था MPPSC के नाम एक कर्मचारी को सौंपे गए अपने इस ज्ञापन में अभ्यर्थियों और युवाओं ने जो मांग की है उनमें आयोग को परीक्षा में प्रश्नपत्र में आने वाली त्रुटियां सुधारने जैसी मांगें भी शामिल हैं तो वहीं कानूनी पेंच में फंसे ओबीसी मुद्दे पर इन अभ्यर्थियों ने कानूनी राय भी दी है और आरक्षण का नया फार्मूला सुझाया है।

 

यह बेरोजगार युवा एमपीपीएससी से जिन विषयों पर अपना विरोध जताने पहुंचे थे उनमें सबसे अहम पिछले दिनों जारी किये गए परीक्षा के रिजल्ट के बारे में उनका विरोध था जो ओबीसी आरक्षण की वजह से विवादों में है। दरअसल पिछले दिनों भर्ती आंदोलन के बाद आयोग ने जो रिजल्ट जारी किया उसमें कई ख़ामियां हैं। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा परिणाम ओबीसी मुद्दे पर कोर्ट के आ सकने वाले फैसले के कारण इस तरह बनाया गया है कि दोनों ही सूरत में लागू किया जा सके। हालांकि परिणाम जारी होने के बाद से ही इसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे।

संगठन ने अपने ज्ञापन में जो मांगें और सुक्षाव आयोग तक भेजे हैं उनमें ये कुछ बिंदु अहम हैं।

  • पीएससी के द्वारा संशोधित परिणाम जारी करते हुए फिर दो लिस्ट जारी करने की मांग की गई है। इसमें ओबीसी आरक्षण के साथ एक मुख्य लिस्ट और दूसरी 27% ओबीसी आरक्षण के साथ प्रोविजनल लिस्ट जारी करने की मांग की गई है। मांग की गई है कि उक्त दोनों ही लिस्ट 100% पर जारी हों ताकि सभी छात्रों को समायोजित किया जा सके और प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद्द करने की संभावना न बने।
  • पीएससी के रिजल्ट में महिला वर्ग का अलग से कट ऑफ जारी करने की मांग।
  • आयोग द्वारा हर परीक्षा के प्रश्न पत्र से 5-7 प्रश्न रद्द किए जाते हैं, ऐसे में आयोग को चाहिए कि वे ठीक तरह से प्रश्नपत्र तैयार करें ताकि ऐसी स्थिति न बने।
  • राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा वर्ष 2020 का अंतिम परिणाम और वर्ष 2021 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम एक हफ्ते के अंदर घोषित किए जाने की मांग की गई है। इसके अलावा 2022 की परीक्षा के लिए आए विज्ञापन को दोबारा पदों की संख्या बढ़ाकर जारी करने की मांग की गई है।

शिक्षित बेरोजगार संगठन के राधे जाट ने बताया कि अब भर्ती आंदोलन एक बार फिर शुरु हो रहा है। इस बार भर्ती से संबंधित तमाम सरकारी कार्यालयों में वहां अपनी मांगें रखी जाएंगी। इस बार फिर अगला पड़ाव भोपाल होगा जहां जाकर वे इन कार्यालयों में अपना विरोध जताएंगे। इसके साथ ही जिलों में भी इस आंदोलन से जुड़ने के लिए लोगों को जोड़ा जा रहा है।

 


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