भोपाल। प्रदेश में बेमौसम बरसात ने कई इलाकों में किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है। बीते पांच दिनों में कई क्षेत्रों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि जैसी मौसमी परेशानियां देखने को मिली हैं। जानकारी क मुताबिक इस मौसमी आपदा से प्रदेश के करीब दो दर्जन ज़िले प्रभावित हुए हैं। कई किसानों की तो पूरी की पूरी फसल ही तबाह हो गई है। पांच दिनों में किसानों की उम्मीदें भी खत्म हो गईं हैं और इससे भी बड़ी परेशानी की खबर यह है कि आने वाले दिनों में यह मौसम फिर लौटने वाला है। जिसके चलते किसानों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश में बारिश का दूसरा दौर 15 मार्च से शुरु हो रहा है और यह तीन-चार दिन तक चलेगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अरब सागर से आने वाली हवाओं के चलते पूरे प्रदेश में असर रहेगा। इस दौरान ओले भी गिरेंगे और तेज आंधी भी चलेगी। ऐसे में एक बार फिर किसान परेशानी में हैं। 15 मार्च से शुरु हो रहे दूसरे दौर में दक्षिण मध्यप्रदेश के इलाकों में बारिश होगी। इससे बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, देवास, बड़वानी समेत कई जिलों में बारिश की संभावना है। इसके बाद सिस्टम आगे बढ़ेगा और भोपाल, सीहोर, राजगढ़ आदि जिलों में बारिश की आशंका है। मौसम का यह बदलाव तीन दिन तक रहेगा।
पिछले दिनों जब बारिश हुई तो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सतना, मंदसौर, रतलाम, नर्मदापुरम, विदिशा, राजगढ़, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, धार, हरदा, शाजापुर, छिंदवाड़ा, आगर-मालवा, खंडवा, खरगोन, उज्जैन सहित कई जिलों में इसका प्रभाव देखा गया। इस दौरान कई जगह तो तेज़ बारिश के साथ ओले भी गिरे।
इस दौरान फसलों की नुकसानी की कई खबरें आईं हैं। कई किसानों की फसलें तो पूरी तरह तबाह हो गईं हैं। इस दौरान प्रशासन ने अपना सर्वे भी शुरु किया है वहीं कई इलाकों में किसान सर्वे न शुरु होने से नाराज़ भी हैं। हालांकि सर्वे के बाद मिलने वाला मुआवज़ा भी किसानों के नुकसान का बेहद कम होता है। कई स्थानों पर विपक्ष के नेता भी किसानों के बीच पहुंच रहे हैं और किसानों से मिल रहे हैं।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने किसानों की नुकसानी पर सर्वे न करवाने को लेकर राज्य सरकार को जमकर आलोचना की। वहीं इंदौर से पूर्व विधायक और एआईसीसी के सदस्य सत्यनारायण पटेल ने भी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्टीट कर लिखा कि अगर मुख्यमंत्री को इवेंट मैनेजमेंट से फुरसत मिल गई हो तो वे फसलों की हालत पर भी नजर डालें।
@ChouhanShivraj जी यदि आपको इवेंट मैनेजमेंट से फुरसत मिल गई हो तो फसलों की हालत पर भी एक नजर डाल लेना। खून के आंसू रो रहे है MP के किसान।किसानों के आंसू सिंहासन गिरा देते है।मेरी बात याद रखिएगा@RahulGandhi@priyankagandhi@kharge@kcvenugopalmp@AlankarSawai@Kisan_Congress pic.twitter.com/lFhsfabLA0
— Satyanarayan Patel (कांग्रेस के सिपाही) (@snp_inc) March 9, 2023
ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में फसल एक बार फिर खतरे में है और इस समय खतरा ज्याता है क्योंकि फिलहाल रबी के सीज़न की गेहूं, चना और सरसों की ज्यादातर फसल खेतों में खड़ी हुई है और आने वाले दिनों में अगर बारिश और ओलावृष्टि होती है तो इस फसल को भी खासा नुकसान होगा।