इंदौर। इंदौर में 27 नवंबर को बेरोजगार महापंचायत को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शामिल होने का न्यौता देने के लिए पहुंचे नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के राधे जाट और उनके साथियों को पुलिस ने बुधवार को छोड़ दिया।
इन सभी को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब ये छात्र नेता मंगलवार को भंवरकुआं पर प्रस्तावित फ्लाईओवर का भूमिपूजन करने आ रहे मुख्यमंत्री को बेरोजगार महापंचायत का आमंत्रण देने जाना चाह रहे थे।
इनकी गिरफ्तारी के बाद रात से तड़के तक भंवरकुआं थाने पर छात्रों की गहमा-गहमी जारी रही और सोशल मीडिया पर भी इन्हें छोड़ने के लिए खूब मांग उठी और अंततः पुलिस को इन सभी को छोड़ना पड़ा।
इस बीच छात्र नेताओं ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका पेश करने की घोषणा की है।
NEYU ने 27 नवंबर को इंदौर में बेरोजगार पंचायत आयोजित करने की तैयारी की थी। इस संगठन ने बीते दिनों पीएससी की अटकी परीक्षाओं और व्यापमं व तमाम पदों पर भर्ती नहीं होने के खिलाफ इंदौर में दस दिनों तक भर्ती सत्याग्रह के नाम पर धरना दिया था और भोपाल तक पैदल मार्च भी किया था।
इस युवा व छात्र संगठन ने इंटरनेट मीडिया पर विद्यार्थियों का आव्हान किया था कि 27 को बेरोजगार महापंचायत का आमंत्रण मुख्यमंत्री को दिया जाएगा। इसके लिए मंगलवार शाम विद्यार्थी भंवरकुआं पहुंचे।
वाट्सएप ग्रुपों पर प्रसारित हुए इस संदेश के बाद शाम करीब सात बजे पुलिस ने संगठन से जुड़े राधे जाट, रंजीत और राहुल नामक तीन विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया।
सभी पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई। छात्रों को भंवरकुआं थाने भेज दिया गया। मुख्यमंत्री का आयोजन खत्म होने के बाद भी छात्रों को रिहा नहीं किया गया तो देर रात विद्यार्थी भंवरकुआं थाने पहुंचे।
ये छात्र अपने साथ वकील विभोर खंडेलवाल, रवि गुरनानी को भी लेकर पहुंचे थे। छात्रों ने कहा कि आमंत्रण पत्र देने की घोषणा से किसी तरह का कानून नहीं टूटता। पुलिस ने 151 धारा लगाकर अवैध गिरफ्तारी की है। साथ ही रातभर से छात्रों को हिरासत में रखा गया है।
वकील विभोर खंडेलवाल ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस बीच बेरोजगार पंचायत के आयोजन को भी बरकरार रखने की घोषणा छात्र संगठन ने की है।