लद्दाख के पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में किसान संघर्ष समिति, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय और अन्य संगठनों के सदस्यों ने अनशन किया। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, मेधा पाटकर, प्रफुल्ल सामंतरा, सुनीति, आदर्श सहित अन्य 8 आंदोलनकारियों ने दिल्ली के आचार्य नरेंद्र देव उद्यान में अनशन शुरू किया।
दिल्ली पुलिस ने अनशनकारियों को हिरासत में लिया और उन्हें आई.पी. स्टेट पुलिस स्टेशन में दिनभर रखा। पुलिस हिरासत के दौरान प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद सौम्या दत्ता ने अनशनकारियों से मुलाकात की। बाद में पुलिस ने सभी आंदोलनकारियों को राजघाट ले जाकर गांधी जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने का अवसर दिया।
डॉ. सुनीलम ने कहा, “सोनम वांगचुक और 150 पदयात्रियों को राजघाट की समाधि स्थल पर जाने से रोकना और दो दिन तक हिरासत में रखना केंद्र सरकार का अक्षम्य अपराध है। इस कदम से सरकार ने देशभर के पर्यावरण प्रेमियों और लोकतंत्र समर्थकों को जो मौका दिया था, उसे खो दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गांधी जी की समाधियों – राजघाट और 30 जनवरी लेन को सरकार के शिकंजे से मुक्त कराने की जरूरत है। सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को तत्काल रिहा किया जाए। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री को सीधे वार्ता करनी चाहिए।”
डॉ. सुनीलम ने सभी पर्यावरण और संविधान प्रेमी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें “लद्दाख बचाओ, हिमालय बचाओ आंदोलन” का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और 6वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग का समर्थन जरूरी है।