सीधी मामलाः पुलिस कर्मियों का निलंबन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी लिया संज्ञान, मानवाधिकार में शिकायत


पत्रकार कनिष्क तिवारी को इस मामले में बड़े पैमाने पर सर्मथन मिल रहा है। सोशल मीडिया और न्यूज मीडिया पर पुलिस और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कड़ी आलोचना हो रही है।


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उनकी बात Published On :

भोपाल। सीधी में पत्रकारों और रंगकर्मियों को अपमानित कर सज़ा देने वाले पुलिस अधिकारियों को पहले लाइन अटैच और अब उनका निलंबन कर दिया गया है। इस मामले में शिवराज सरकार की काफी फजीहत हो रही है। जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है हालांकि इसके बाद भी मामला अब तक ठंडा होता नजर नहीं आ रहा है।

मामले में अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और वीमेन प्रेस कॉर्प्स ने भी संज्ञान लिया है और इस घटना पर पुलिस अधिकारियों से संज्ञान लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। इस बारे में दोनों ही संस्थाओं ने एक साझा बयान जारी किया है। इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी बयान जारी किया है। अब मामले की उच्चस्तरीय जांच भोपाल से की जा रही है।

पत्रकारों के उत्पीड़न के इस मामले में एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ने बयान जारी किए हैं और क्लब ने मानवाधिकार आयोग से स्वतः संज्ञान लेने को कहा है। इसके साथ ही क्लब ने अपने बयान में आकार पटेल का भी केस जोड़ा है। एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में ओडिशा के बालेश्वर में पत्रकार को अस्पताल के बिस्तर से हथकड़ी से बांधने के प्रकरण को भी दर्ज किया है। इस तरह दो बयान, तीन केस में एक दिन के भीतर आ चुके हैं।

वहीं सीधी के इस मामले में पीड़ितों में शामिल पत्रकार कनिष्क तिवारी ने राज्यमानवाधिकार आयोग से भी इस बारे में शिकायत की है। तिवारी के मुताबिक पुलिस को यह अधिकार कहीं नहीं मिला कि वे किसी नागरिक को अर्धनग्न करें। वहीं इस मामले में थानेदार मनोज सोनी ने कहा कि था कि उन्होंने इसलिए पत्रकारों को कपड़े उतरवाए ताकि वे कैदी फांसी न लगा लें।

पत्रकार कनिष्क तिवारी को इस मामले में बड़े पैमाने पर सर्मथन मिल रहा है। सोशल मीडिया और न्यूज मीडिया पर पुलिस और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कड़ी आलोचना हो रही है। ऐसे में तिवारी ने एक भावुक पोस्ट भी साझा की है जिसमें उनकी दस वर्षीय बेटी अख़बार में उन्हें पुलिस अधिकारी द्वारा प्रताड़ित किये जाने वाली ख़बर पढ़ रही है।

वहीं देश-प्रदेश के कई पत्रकार संगठनों ने इस मामले में मुख्यमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। पत्रकारों पर सीधी पुलिस द्वारा यह कार्रवाई के पीछे स्थानीय भाजपा विधायक और खुद पुलिस के खिलाफ खबरों को बताया जा रहा है। जिन लोगों के कपड़े उतरवाए गए वे सीधी के एक ख्यात रंगकर्मी की गिरफ्तारी की वजह जानने के लिए पुलिस थाने पहुंचे थे।


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