भोपाल में अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज के बाद अब एफआईआर: सरकार की सख्ती, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने दी थी गोली चलाने की चेतावनी

भोपाल में नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन पर बुधवार रात पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई महिला शिक्षकों को चोटें आईं। इसके बाद, पुलिस ने गोली चलाने की चेतावनी देते हुए बैनर भी लगाए, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। कांग्रेस नेताओं ने सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की।

भोपाल के अंबेडकर मैदान में नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों पर अब एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अतिथि शिक्षक संघ के प्रमुख केसी पवार सहित कई शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। यह घटना अंबेडकर मैदान में गांधी जयंती के दिन हुई, जब अतिथि शिक्षक शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन बिना अनुमति के हो रहा था, इसलिए इसे अवैध घोषित कर एफआईआर दर्ज की गई। मामले को लेकर शिक्षकों में रोष है और उन्होंने सरकार पर उनके अधिकारों के दमन का आरोप लगाया है।

 

इससे पहले बुधवार रात को पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें जबरन हटा दिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, रात करीब 8 बजे तक शिक्षक शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर कर दिया। लाठीचार्ज के दौरान कई महिला अतिथि शिक्षकों को चोटें आई हैं। अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष केसी पवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हिंसा का सहारा लिया, जिससे कई प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आईं।

 

पुलिस की इस कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारी अलग-अलग जगहों पर पैदल चलने को मजबूर हो गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि अहिंसा दिवस के दिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर हमला कर राज्य सरकार ने अपनी संवेदनशीलता खो दी है।

 

प्रदर्शनकारियों की मांगें और पुलिस की धमकी

गांधी जयंती के मौके पर पूरे प्रदेश से आए अतिथि शिक्षक नियमितीकरण और अपने अधिकारों की मांग को लेकर अंबेडकर मैदान पर जमा हुए थे। वे मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद शिक्षक मैदान पर ही बैठ गए और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी।

 

तनाव तब और बढ़ गया जब पुलिस ने बैनर लगाकर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को ‘गैरकानूनी’ बताते हुए गोली चलाने की चेतावनी दी। बैनर पर लिखा था, “बलवाइयों आपका मजमा गैरकानूनी करार दिया गया है। तितर-बितर हो जाइए। कारगर गोली चलाई जाएगी।” हालांकि, कुछ देर बाद बैनर से इस हिस्से को ढक दिया गया। इसके बावजूद, यह घटना अतिथि शिक्षकों में आक्रोश फैलाने के लिए काफी थी।

 

अध्यक्ष की प्रतिक्रिया और नेताओं का समर्थन

अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि पिछली बार सरकार ने हमें गुमराह किया था, लेकिन इस बार हम अपना नियमितीकरण लेकर ही जाएंगे। यदि सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती, तो हम आमरण अनशन करेंगे। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह दृढ़ हैं।

 

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शिक्षकों का समर्थन किया। जीतू पटवारी ने कहा कि वे शिक्षकों के साथ हैं और इस लाठीचार्ज को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से अतिथि शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की।

 

स्थिति अब भी तनावपूर्ण

पुलिस के लाठीचार्ज और गोली चलाने की चेतावनी के बाद भी अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार से बातचीत की कोई स्पष्ट पहल अभी तक नहीं की गई है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है।

 

First Published on: October 3, 2024 1:00 AM