भोपाल। सीधी में थाना परिसर में पत्रकारों पर हमला करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद कार्रवाई की गई है।
यहां के एसएचओ अभिषेक सिंह परिहार और प्रभारी टीआई मनोज सोनी को लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं इस मामले की जांच एएसपी को दी गई है।
इसके बाद भी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना रुकने का नाम नहीं ले रही है। प्रभारी टीआई मनोज सोनी के द्वारा उनकी सफाई में दिया गया एक बयान ही फजीहत का कारण बना है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार पर विपक्षी नेता पर भी जमकर हमला बोल रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि कौन से कानून के तहत पुलिस ने इन पत्रकारों पर मुकदमा बनाया और फिर इस तरह की सज़ा दी है!
रीवा-सीधी क्षेत्र से ही आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने भी पुलिस के इस व्यहार की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि पुलिस का यह व्यवहार न केवल पुलिसिया आतंक को दर्शाता है बल्कि प्रदेश की भाजपा सरकार का मीडिया के प्रति उसकी सोच को भी प्रदर्शित करता है।
मामला बढ़ने के बाद मनोज सोनी एक बयान देते हुए नजर आ रहे हैं जिसमें भी कह रहे हैं कि पत्रकारों के कपड़े इसलिए उतरवाए गए ताकि वे कपड़ों से लॉकअप के अंदर फांसी ना लगा लें।
यही नहीं मनोज सोनी ने कहा कि वह लॉकअप के अंदर कैदियों को इसी तरह रखते हैं। सोनी के इस बयान के बाद एक बार फिर पुलिस व्यवस्था सवालों के घेरे में है।
शिवराज की बेशर्म पुलिस-
1. पकड़े हुये लोग पूरे नंगे नहीं थे
2. हम हवालात में अंडरवियर में ही रखते हैं
3. कपड़े होंगे तो लोग फाँसी लगा लेंगे।वाह ! शिवराज जी,
इनका बस चले तो सबको नंगा ही रखें।“बेशर्म सरकार” pic.twitter.com/xgTngHrmeg
— MP Congress (@INCMP) April 7, 2022