भोपाल। प्रदेश के युवा बेरोजगारों ने रविवार को भोपाल में एक बड़ा आंदोलन किया और अब इसके बाद आंदोलन के अगले चरणों की बारी है। यह नया चरण मंगलवार से शुरु हो रहा है। मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन के महाकाल मंदिर में विस्तृत क्षेत्र का उद्घाटन कर रहे होंगे तो ट्विटर पर मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवा लगातार अपने बेरोजगारी सहित दूसरे मुद्दों को ट्रैंड कराएंगे।
इन युवाओं ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इनकी कोशिश है कि सरकार अपनी लोगों को अपनी उपलब्धियां मीडिया के जरिये देश को बताने जा रही है तो बेरोजगारी से परेशान नौजवानों और उनके परिवारों की बदहाली की कहानियां भी लोगों तक पहुंचनी चाहिए।
हालांकि आंदोलन करने वाले नौजवान भोपाल से खाली हाथ नहीं लौटे। राज्य से राज्य लोक सेवा आयोग ने सोमवार को परीक्षा परिणामों की भी घोषणा कर दी। NEYU इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा है।
#मध्यप्रदेश_भर्ती_सत्याग्रह के कुछ सकारात्मक परिणाम..
1. MPHC के निर्देशों पर MPPSC राज्यसेवा परीक्षा 2019 के रिवाइज्ड परिणाम घोषित किए गए!
2. शिक्षक भर्ती 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पदों में वृद्धि की गयी!
3. सरकार द्वारा 1 लाख पदों पर भर्ती के लिए पत्र जारी किया गया! pic.twitter.com/1Wl5REFxD3
— NEYU | National Educated Youth Union (@NEYU4INDIA) October 10, 2022
आंदोलन की अगुवाई करने वाले संगठन एनईवाययू के राधे जाट के मुताबिक युवाओं का यह आंदोलन नौकरी के लिए हो रहा है, सरकारी नौकरी जो मध्यप्रदेश में मिलना मुश्किल हो गया है। आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में तीस लाख बेरोजगार युवा हैं और यही युवा अब नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार आंदोलन को लेकर बहुत गंभीर नहीं है।
राधे जाट बताते हैं कि इस रविवार को भोपाल में पुलिस ने जिस तरह का व्यवहार किया उसने यह साबित कर दिया है कि युवाओं को अब अपने हक की नौकरियों के लिए भी सरकार से लड़ना होगा।
इसके लिए अब नई रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में बेरोजगार युवा एकजुट होकर कलेक्टर को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन देंगे।
युवाओं ने इस आंदोलन को भर्ती सत्याग्रह का नाम दिया है। आंदोलन 21 सितंबर से इंदौर में जारी है। यहां 25 सितंबर को एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था जिसमें करीब 15000 युवा शामिल हुए थे लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी या नेताओं ने आगे आकर इन विद्यार्थियों-युवाओं से बात नहीं की।
इसके बाद रविवार 9 अक्टूबर को भोपाल में भी आंदोलन हुआ लेकिन यहां भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या नेता इन युवाओं से मिलने नहीं पहुंचा।
इससे पहले भोपाल में जब आंदोलन हो रहा था तब मुख्यमंत्री धार जिले में मौजूद थे। वे मांडू में पर्यटन की संभावनाओं पर अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। इस आंदोलन में हज़ारों की संख्या में छात्र भोपाल पहुंचे लेकिन पुलिस ने इन्हें रोकने का भी इंतज़ाम कर रखा था।
इस बीच इन युवाओं ने भी पुलिस को खूब छकाया और किसी तरह सीएम हाउस तक जाकर प्रदर्शन किया। दिन भर में कई बार पुलिस ने नौकरी मांग रहे इन युवाओं को पकड़ा, नज़रबंद किया और फिर गिरफ्तार किया।
इस दौरान रंजीत रघुनाथ और राधे जाट सहित कुछ अन्य युवाओं पर पुलिस ने धारा 155 और 341 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है।