भोपाल। बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण चर्चाओं में रहा। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की योजनाओं की काफी तारीफ़ की और प्रधानमंत्री किसान योजना से जुड़े कई आंकड़े भी देश के सामने रखे और इनमें महिला किसानों को मिल रहे लाभ के बारे में भी जानकारी दी।
राष्ट्रपति ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन इसके लाभ दिसंबर 2018 से लागू किए गए हैं। देश में लगभग 3 लाख महिला किसान पीएम-किसान योजना से लाभान्वित हुई हैं, जिसके तहत अब तक उन्हें 54,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
योजना के तहत, पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में 6,000 रु प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। यह राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
बजट सत्र शुरू होते ही संसद के संयुक्त सत्र को अपने पहले संबोधन में मुर्मू ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता 11 करोड़ छोटे किसान हैं जो दशकों से लाभ से वंचित थे। इन किसानों को अब सशक्त किया जा रहा है। मुर्मू ने कहा, “पीएम-किसान योजना के तहत, 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हस्तांतरण किया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग 3 लाख महिला किसान हैं।”उन्होंने कहा कि इन छोटी महिला किसानों को लगभग 54,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
देश की आधी आबादी के लिए एक अलग आयोग बनाने की आवश्यकता यह दर्शाती है कि महिला शक्ति को उसका यथोचित सम्मान और अधिकार मिलना बाकी है। महिलाओं की स्थिति में सुधार से ही देश समग्र प्रगति कर सकेगा। pic.twitter.com/h4g5JCJnTz
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 31, 2023
राष्ट्रपति ने यहां केंद्र सरकार की कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसी तरह, सरकार छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी कई योजनाओं को लागू कर रही है, जिन्हें मछुआरों और पशुपालकों तक बढ़ाया गया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने तक सरकार छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए उनके साथ खड़ी है।”
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, पहली किस्त प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 3.16 करोड़ थी। दूसरी किस्त में यह संख्या 6.63 करोड़, तीसरी में लगभग 8.76 करोड़, चौथी में 8.96 करोड़, पांचवीं में 10.49 करोड़, छठी में 10.23 करोड़, सातवीं में 10.23 करोड़, आठवीं में 11.16 करोड़, 11.19 करोड़ रही। 9वीं में 11.16 करोड़, 10वीं में 11.27 करोड़, 11वीं किस्त में 11.27 करोड़ और 12वीं किस्त में लाभार्थी किसानों की संख्या 8.99 करोड़ रही।